पराली जलाने से रोकने पर किसानों ने अधिकारियों को बनाया बंधक
धान की कटाई का काम पूरी तरह से मुकम्मल हो चुका है।
संवाद सहयोगी, काहनूवान : धान की कटाई का काम पूरी तरह से मुकम्मल हो चुका है। अब कितान खेतों में धान के अवशेष को आग लगाकर अगली फसल तैयार कर रहे हैं। किसानों को आग लगाने से रोकने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से टीमें गठित की गई हैं। मगर किसानों द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को बंधक बनाया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला गांव बागड़िया में देखने को मिला, जब खेत में आग को लगी देखकर अधिकारी जेई गुरमीत सिंह, पंचायत सचिव हरी सिंह, सचिव गज्जन सिंह व पटवारी इंद्रजीत सिंह पहुंचे। इन्होंने किसान जोगिदर सिंह को आग लगाने पर चेतावनी देकर कार्रवाई करने की चेतावनी दी। इस मामले की भनक जब किसान संघर्ष कमेटी के साथियों और नेताओं को लगी तो वे मौके पर पहुंचे अधिकारियों को बंधक बना लिया।
किसान संघर्ष कमेटी के नेता सोहन सिंह व जसवीर सिंह गोराया ने अधिकारियों को कहा कि वे कार्रवाई करने से पहले किसानों को पंजाब सरकार से अवशेष संभालने के लिए बनती राशि लेकर दें। प्रशासनिक अधिकारियों और किसानों के बीच लंबा समय कशमकश चलती रही। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किसान के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं करने का भरोसा देने के बाद दो घंटे बाद उन्हें छोड़ा गया। उन्होंने कहा कि जो भी अधिकारी किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रयास करेगा, उनका घेराव किया जाएगा। इस दौरान पंजाब सरकार, केंद्र सरकार व जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। इस मौके पर किसान रणजीत सिंह, जसवंत सिंह, निशान सिंह, प्रेम लाल, बलजीत सिंह, हरमिदर सिंह, हरविदर सिंह, निशान सिंह आदि उपस्थित थे।
उधर जेई गुरमीत सिंह ने कहा कि वे जिला प्रशासन द्वारा मिली सूचना पर आए थे। उन्होंने किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित किया है।