किसानों ने लड्डू बांटे और भंगड़ा भी डाला
गुरु नानक देव जी के 552वें अवतार पूर्व के पावन अवसर पर केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों को निरस्त करने की खबर सुनकर किसान बहुत खुश हुए।
संवाद सहयोगी, बटाला : गुरु नानक देव जी के 552वें अवतार पूर्व के पावन अवसर पर केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों को निरस्त करने की खबर सुनकर किसान बहुत खुश हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुरुपर्व के अवसर पर एक बड़ा तोहफा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून 2020 में पेश किए गए तीन किसान विरोधी, कॉर्पोरेट समर्थक काले कानूनों को निरस्त करने के भारत सरकार के निर्णय की घोषणा की है।
इस घोषणा को सुनकर माझा किसान मजदूर संघर्ष समिति छिना रेलवाला के कार्यकर्ता ने शुक्रवार को बड़ी संख्या में धरना स्थल पर जमा हो गए। यहां किसानों ने खुशी-खुशी में लड्डू बांटे और ढोल बजवाया व भंगड़ा भी डाला। इस अवसर पर बोलते हुए अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह छिना, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुरविदर सिंह रंधावा, उपाध्यक्ष मलकीत सिंह कांग, महासचिव रणधीर सिंह, जिलाध्यक्ष जसविदर सिंह, कोषाध्यक्ष जसविदर सिंह खजानची साहिब सिंह ने दैनिक जागरण को जानकारी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से लिया गया यह फैसला बिलकुल सही है। इस अवसर पर सरपंच हरदीप सिंह बजरगवाल, पूर्व सरपंच लखबीर सिंह घुमन खुर्द, दिलबाग सिंह भाइका ग्राम, कृपाल सिंह ढींडसा, मास्टर रंजीत सिंह छिना, बलविदर सिंह छिना, जसविदर सिंह कैले कलां, गुरमेज सिंह कैले कलां, गुरप्रीत सिंह कैले कलां, गुरप्रीत सिंह कैले कलां उपस्थित थे. मंजीत सिंह कैले, कलां, राजिदर सिंह बाथ, जग्गा सिंह बजरगवाल, रविदर सिंह लालोवाल, गुरभेज सिंह घुमन कलां, कंवलजीत सिंह घुमन कलां, हरबिदर सिंह चक भंगवां, सिमरजीत सिंह गडरियान, परमजीत सिंह गोधरपुर, समशेर सिंह घुमन, सतनाम सिंह घुमन खुर्द, रेशम सिंह, निशान सिंह कोटला, अमरजीत सिंह कोटली फासी, मनप्रीत सिंह खान पियारा, मास्टर बिक्रमजीत सिंह कोटला चहल, सहजप्रीत सिंह, मनजीत सिंह कैले कलां, कुलदीप सिंह छिना, मंजीत सिंह छिना, मनदीप सिंह चहल, बलदेव सिंह छिना, बलबीर सिंह गडरियान, जसवंत सिंह डाबरजी, भूपिदर सिंह रंधावा, परमिदर सिंह कांग, अमरजीत सिंह कोटली फासी, परमिदर सिंह, गुरदेव सिंह क्लेयर, सुच्चा सिंह सुचेतगढ़, हरदेव सिंह घुमन, पटवारी हरि सिंह घुमन, गुरमीत सिंह कलसी गडरियान, गुरमुख सिंह, कुलदीप सिंह, हरभल सिंह ढींडसा आदि किसान मजदूर मौजूद रहे।