धूप निकलते ही गेहूं व बोरियां सुखाने में जुटे किसान व मजदूर
जिले में लगातार हो रही बारिश के बाद शुक्रवार को धूप खिलने से किसानों के चेहरों पर रौनक लौट आई।
महिदर सिंह अर्लीभन्न, कलानौर
जिले में लगातार हो रही बारिश के बाद शुक्रवार को धूप खिलने से किसानों के चेहरों पर रौनक लौट आई। धूप खिलते ही मंडियों में किसान व मजदूर गेहूं व बोरियों को सूखाने में जुट गए। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। उधर, खरीद एजेंसियों की हड़ताल और गेहूं में नमी के कारण फसल की खरीद का काम अभी शुरू नहीं हुआ है। किसानों का कहना है कि बारिश व तेज हवाओं से खेतों में खड़ी फसल जमीन पर बिछ गई है।
गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से जिले में रुक-रुक कर बारिश होने से मंडियों में किसानों को समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा था। जबकि मंडियों में खुले आसमान के नीचे पड़ी गेहूं बारिश के कारण भीग गई। जिन खेतों में अभी कटाई का काम शुरू नहीं हुआ था, वहां पर बारिश व तेज हवाओं से फसल जमीन पर बिछ गई है। इससे कटाई का काम प्रभावित हो गया और किसानों को और दिन इंतजार करना पड़ सकता है। धूप से गेहूं की मात्रा में नमी होगी खत्म
किसान सुखदेव सिंह, हरदेव सिंह, बलदेव सिंह, कंवलजीत सिंह, वीर सिंह आदि ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश ने किसानों के नाक में दम कर दिया था। बारिश में भीगती जा रही फसल को लेकर किसान चितित थे। भले ही गेहूं के अंबार को तिरपाल से ढका था, मगर इसके बावजूद भी गेहूं आसपास एकत्र हुए पानी से भीग गई थी। उन्होंने कहा कि अब धूप निकलने के बाद गेहूं को मंडी के फर्श में सुखाने के लिए बिखेर दिए हैं। फसल को धूप लगने से नमी की मात्रा खत्म हो जाएगी। मजदूरों ने गेहूं की भीगी हुई बोरियों को सुखाने के लिए फर्श में डाल दिया है। तीसरे दिन भी बंद रही गेहूं की खरीद
अनाज मंडियों में आ रही मुश्किलों को लेकर खरीद एजेंसियों के अधिकारियों की हड़ताल से गेहूं की खरीद का काम रुका है। इससे किसानों को अब एक और समस्या का सामना करना पड़ रहा है। किसानों में असमंजस की स्थिति बन गई है कि कब सरकार अनाज मंडियों में इंस्पेक्टरों को आ रही मुश्किलों का समाधान होगा और कब उनकी गेहूं की फसल की खरीद होगी। उन्हें इस बात की भी चिता सताने लगी है कि यदि समय रहते फसल की खरीद न हुई और आने वाले दिनों में मौसम खराब रहा तो उनकी फसल नष्ट हो जाएगी। मजदूर बोले-ऐसी हालत में वे घर चले जाएंगे
मंडियों में गेहूं की खरीद नहीं होने से दूसरे राज्यों से आए हुए लोग परेशान हो रहे हैं। मजदूर रमेश, आशु, मोहम्मद पसार, शुभम, राकेश मसीह, अमरीक मसीह आदि ने बताया कि गेहूं की खरीदारी न होने से वे पूरे दिन ही मंडियों में बैठकर चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि ऐसे ही हालात रहे तो वह मजबूर होकर अपने घरों को लौट जाएंगे। पहले ही कोरोना महामारी के कारण मजदूर वर्ग आर्थिक संकट में गुजर रहा है। 19
इंस्पेक्टरों की हड़ताल व गेहूं में नमी होने से नहीं हुई खरीद
उधर मार्केट कमेटी कलानौर के सचिव ओम प्रकाश चट्ठा का कहना है कि धूप खिलने के बाद अनाज मंडी पूरी तरह से सूख गई है। नमी वाली गेहूं को सुखाने में किसान जुट गए हैं। खरीद एजेंसियों की हड़ताल से मंडी में गेहूं की खरीद नहीं हो सकी है।