पराली न जलाकर किसानों के लिए बने मिसाल

गुरदासपुर के गांव मलिकपुर से बीटेक डिग्रीधारक परमवीर सिंह ने पांच सालों से भूसे और ठूंठ में आग न लगाकर आधुनिक तरीके से खेती कर क्षेत्र के किसानों के लिए एक मिसाल कायम की है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 08:30 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 08:30 AM (IST)
पराली न जलाकर किसानों के लिए बने मिसाल
पराली न जलाकर किसानों के लिए बने मिसाल

संवाद सूत्र, बटाला : गुरदासपुर के गांव मलिकपुर से बीटेक डिग्रीधारक परमवीर सिंह ने पांच सालों से भूसे और ठूंठ में आग न लगाकर आधुनिक तरीके से खेती कर क्षेत्र के किसानों के लिए एक मिसाल कायम की है। वे अन्य किसानों से आग्रह करते हैं कि खेतों में आग न लगाएं।

प्रगतिशील किसान परमवीर सिंह ने कहा कि व्यापार को अधिक लाभदायक बनाने के लिए कृषिविदें की सलाह से खेती की थी। वे अनुबंध के आधार पर अपनी 30 एकड़ जमीन पर खेती कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पराली में आग लगाने के बजाए वे सभी पराली इकट्ठा करते हैं और इसे गुर्जरों को भुगतान करते हैं। उन्होंने कहा कि बेलर और रेक मशीन की मदद से भूसे का प्रबंधन सुचारू रूप से किया जाता है। किसान परमवीर ने कहा कि यह सही समय पर खेत में पराली को संभालने का एक बहुत प्रभावी तरीका है। ब्लाक स्तर पर मशीनों की उपलब्धता से किसानों को मिलेगा लाभ

परमजीत सिंह ने कहा कि ब्लाक स्तर पर बेलर और रेक मशीनों की उपलब्धता से किसानों को अधिक लाभ मिल सकता है। उन्होंने किसानों से अपील की कि हम पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए पराली की गांठों में आग लगाने से बचें। पराली को या तो खेतों में संग्रहित किया जाना चाहिए य फिर डंप किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डंठल में आग नहीं लगाने से जहां मित्र कीट फसल की मदद करते हैं, मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है।

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