फसल के अवशेषों को खेतों में जोतकर खेती करते हैं कुलविंदर सिंह

गांव किशनपुर के एक प्रगतिशील किसान कुलविदर सिंह के पास 10 एकड़ जमीन है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 04:40 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 04:40 PM (IST)
फसल के अवशेषों को खेतों में जोतकर खेती करते हैं कुलविंदर सिंह
फसल के अवशेषों को खेतों में जोतकर खेती करते हैं कुलविंदर सिंह

संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : गांव किशनपुर के एक प्रगतिशील किसान कुलविदर सिंह के पास 10 एकड़ जमीन है। वह पराली को आग नहीं जलाकर यहां पर्यावरण को शुद्ध रखने में सरकार का सहयोग कर रहा है। वहीं अपनी जमीन की उपजाऊ शक्ति को बरकरार रख रहा है। वह अगली फसल सुपरसाइडर और हैप्पीसाइडर से खेत में बोता है।

किसान कुलविदर सिंह ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा अनुदान और कृषि उपकरण उपलब्ध कराने के अलावा पंजीकृत किसान समितियों/सहकारिता समितियों/पंचायतों आदि से भी ये उपकरण किराये पर उपलब्ध हैं। इससे किसानों को काफी सुविधा हुई है। प्रगतिशील किसान कुलविदर सिंह ने कहा कि उन्होंने पिछले छह साल से फसल अवशेषों में आग नहीं लगाई है और हैप्पीसीडर और सुपरसाइडर के साथ अगली फसल अवशेषों को जोतकर कर रहे हैं। किसान ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस विधि से उनकी जमीन की सेहत में काफी सुधार हुआ है और फसल की उपज और गुणवत्ता में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने किसानों से पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए पराली न जलाने की अपील की। डा. सुरिदर सिंह मुख्य कृषि अधिकारी गुरदासपुर ने कहा कि डीसी मोहम्मद इशफाक के नेतृत्व में विभाग द्वारा जिले के किसानों को पराली के प्रबंधन के बारे में जागरूक करने और अवशेष को न जलाने के लिए ग्राम स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया गया है।

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