बैंड बाजों के साथ नवजात बच्ची का करवाय गृह प्रवेश

देखा जाए तो बेटी की जन्म होने पर परिवारिक सदस्यों में खामोशी छा जाती हैवहीं आज की तारीख में बेटों से आगे बेटियां ही निकल कर आ रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 05:30 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 05:30 AM (IST)
बैंड बाजों के साथ नवजात बच्ची का करवाय गृह प्रवेश
बैंड बाजों के साथ नवजात बच्ची का करवाय गृह प्रवेश

संवाद सहयोगी, बटाला

देश में कई जगहों पर देखा जाए तो बेटी की जन्म होने पर परिवारिक सदस्यों में खामोशी छा जाती है,वहीं आज की तारीख में बेटों से आगे बेटियां ही निकल कर आ रही है। पूरे भारत में कई विभिन्न विभागों में बड़े आफिसर बेटियां ही देखने को मिल रही हैं, वहीं कई जगहों पर बेटी होने की आशंका से बेटी की हत्या कर दी जाती है। इसी तरह सबसे अलग एक मिसाल कायम करते हुए बटाला के सिविल अस्पताल में एक मां ने अपनी दूसरी बेटी को जन्म दिया। बेटी होते ही उनके पारिवारिक सदस्यों में खुशी की लहर झूम उठी।

गुब्बारों से सजाई थी कार

परिवारिक सदस्यों द्वारा सिविल अस्पताल के मेन गेट पर ढोल- बाजों के साथ नव जन्मी बेटी को लेने आए। वहीं गाड़ी को गुब्बारों और चुन्नी से सजा कर लाया गया।

बच्ची की मां ने बताया यह उनकी दूसरी बेटी है

इस मौके पर जब नवजन्मी बेटी की मां गुरप्रीत कौर पत्नी इंद्रप्रताप सिंह वासी हाथी गेट से बात की गई तो उन्होंनें बताया कि मेरी पहले भी एक चार वर्ष की बेटी है। जब वे हुई थी तभी भी हमारे घर में खुशी की लहर थी। बताया कि आज की तारीख में लोग अपनी बेटी को कोख मे ही मार देते है,जोकि बहुत गलत हैं। बेटियों को बेटों से ऊपर समझकर चलना चाहिए। बेटियों के मुकाबले बेटे कम होते हैं। बेटी एक लक्ष्मी भगवान का रूप होती है।मुझे खुशी है कि दूसरी बार भी मुझे बेटी हुई है। जिसके दौरान ढोल-बाजों के साथ मेरी बेटी घर में प्रवेश करेंगी।

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