ई-फाइलिग पोर्टल शिकायत निवारण प्रणाली को और कुशल बनाया जाएगा : बाजवा

पंजाब सरकार द्वारा संपूर्ण शिकायत निवारण प्रणाली को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया ई-फाइलिग पोर्टल उपभोक्ताओं को बहुत राहत देगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 05:59 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 05:59 PM (IST)
ई-फाइलिग पोर्टल शिकायत निवारण प्रणाली को और कुशल बनाया जाएगा : बाजवा
ई-फाइलिग पोर्टल शिकायत निवारण प्रणाली को और कुशल बनाया जाएगा : बाजवा

संवाद सहयोगी, बटाला : पंजाब सरकार द्वारा संपूर्ण शिकायत निवारण प्रणाली को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया ई-फाइलिग पोर्टल उपभोक्ताओं को बहुत राहत देगा। इससे उपभोक्ताओं को सहज और सहायक ढांचे के साथ एक अनुकूल मंच प्रदान होगा। इस प्रणाली के प्रमुख पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कादियां विधानसभा क्षेत्र के विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा ने कहा कि यह आनलाइन मंच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार का एक और प्रयास है।

उन्होंने कहा कि ई-फाइलिग पोर्टल को नए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत विकसित किया गया है। इसके तहत उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग के साथ इलेक्ट्रानिक रूप से उपभोक्ता विवादों को दर्ज करने पर विचार किया गया है। विधायक बाजवा ने कहा कि यह पोर्टल राज्य आयोग या राज्य के किसी भी 20 जिला आयोगों को उपभोक्ता विवादों के आनलाइन ई-फाइलिग की सुविधा प्रदान करेगा। विवाद की प्रकृति और स्वचालित रूप से गणना के आधार पर आवश्यक शुल्क का भुगतान आफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीके से किया जा सकता है। मामले की दिन-प्रतिदिन की कार्यवाही आनलाइन देखी जा सकती है। संबंधित पक्षों को नियमित एसएमएस के माध्यम से मामले की स्थिति के बारे में सूचित किया जाता है। प्रथम अपील पुनरीक्षण याचिका, रविंदर पोर्टल के माध्यम से दायर की जा सकती है। शिकायत दर्ज करते समय यदि शिकायत में कोई त्रुटि है या शिकायत के साथ दस्तावेज अपलोड किया जाना है तो इसकी सूचना दी जाएगी और उपभोक्ता शिकायत के अद्यतन विवरण दर्ज कर सकते हैं।

फतेहजंग सिंह बाजवा विधायक ने कहा कि खाद्य आपूर्ति विभाग ने पंजाब राज्य उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग और 20 जिला उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोगों में उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर 1800-300-11007 और मध्यस्थता प्रकोष्ठ भी स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि सभी ई-कॉमर्स लेनदेन, उत्पाद दायित्व और भ्रामक विज्ञापन इस अधिनियम के दायरे में आएंगे।

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