एनपीए को घटाने के फैसले पर भड़के डाक्टर
डाक्टरों को मिल रहा 25 फीसद एनपीए (नान प्रैक्टिस अलाउंस) को घटना के विरोध में ज्वाइंट पंजाब गवर्नमेंट डाक्टर्स कोआर्डिनेशन कमेटी के आह्वान पर संगठनों ने रोष प्रदर्शन करने के बाद डीसी के जरिए पंजाब सरकार को मांग पत्र भेजा।
संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : डाक्टरों को मिल रहा 25 फीसद एनपीए (नान प्रैक्टिस अलाउंस) को घटना के विरोध में ज्वाइंट पंजाब गवर्नमेंट डाक्टर्स कोआर्डिनेशन कमेटी के आह्वान पर संगठनों ने रोष प्रदर्शन करने के बाद डीसी के जरिए पंजाब सरकार को मांग पत्र भेजा। डा. सुशील, डा. अशोक, डा. पूजा, डा. हरजिदर, डा. अरविद, डा. शाम सिंह ने संयुक्त तौर पर बताया कि अभी तक पंजाब सरकार अपने सरकारी डाक्टरों को प्राथमिक वेतन के 25 फीसद के बराबर एनपीए देती आ रही है।
यह एनपीए हर लाभ के लिए प्राथमिक वेतन का हिस्सा माना जाता रहा है। मगर बड़े दुख की बात है कि पंजाब सरकार द्वारा गठित छठे वेतन कमिशन ने यह सिफारिश की है कि एनपीए को 25 फीसद से घटाकर 20 फीसद कर दिया जाए और प्राथमिक वेतन के अलावा कोई भी भत्ता प्राथमिक वेतन का हिस्सा न बनाया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान डाक्टरों से यह एक धक्का है। सरकारी डाक्टरों सहित समूह सेहत व पशुपालन विभाग ने इस महामारी के दौरान सही अर्थो में योद्धा बनाकर काम किया है और कर रहे हैं। सैकड़ों डाक्टर इस महामारी के दौरान कोरोना संक्रमित हुए हैं और कुछ डाक्टर तो अपनी जान भी गंवा चुके हैं। लेकिन उनकी हौसला अफजाई करने की बजाए सरकार उनके वेतन घटाकर आर्थिक शोषण करने जा रही है। उन्होने मांग की कि इस फैसले को तुरंत रद किया जाए। ये हैं मांगें
--पहले से की मांग के अनुसार एनपीए 33 फीसद किया जाए।
--एनपीए को पहले की तरह प्राथमिक वेतन का हिस्सा माना जाए।
--एनपीए को प्राथमिक वेतन का हिस्सा मानते हुए पेंशन फिक्स की जाए।
--कोरोना महामारी से लड़ने वाले डाक्टरों को स्पेशल भत्ता दिया जाए।