देश विरोधी तत्वों की कोशिशें नाकाम कर रही बीएसएफ
देश की रक्षा व अमन-शांति बहाल रखने में बीएसएफ अहम भूमिका निभा रही है।
महिदर सिंह अर्लीभन्न, कलानौर
देश की रक्षा व अमन-शांति बहाल रखने में बीएसएफ अहम भूमिका निभा रही है। देश विरोधी तत्वों की कोशिशें बीएसएफ लगातार नाकाम कर रही है। चाहे पाकिस्तान की तरफ से आए दिन भेजे जाने वाली हेरोइन का मामला हो या ड्रोन के मार्फत हथियार आदि भेजने का। ये सब साजिश बीएसएफ नाकाम कर रही है। बीते दो महीने में बीएसएफ ने 56 किलो हेरोइन सीमा पर पकड़ी है। पाकिस्तान के कई ड्रोनों पर फायरिंग कर उसे वापस मुड़ने को मजबूर किया है। ये बातें बीएसएफ के सेक्टर गुरदासपुर की छह बटालियन के डीआइजी प्रभाकर जोशी ने कही। प्रस्तुत है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश। सवाल--ठंड के मौसम में बीएसएफ के सामने क्या-क्या चुनौतियां हैं?
ठंड की शुरुआत के दौरान घनी धुंध की आड़ में देश विरोधी तत्व हेरोइन, हथियार और अन्य अवैध सामान भारत भेजने की फिराक में रहते हैं। इससे बचने के लिए बीएसएफ अपने क्षेत्र में कंटीली तारों के पार कम ऊंचाई की फसलें करती है। क्षेत्र में उगे सरकंडे, झाड़ियां काटे जा रहे हैं। हालांकि पाकिस्तान की ओर से सरकंडे और झाड़ियां हैं, जो बीएसएफ के लिए एक बड़ी चुनौती है। डीआइजी ने बताया कि पाकिस्तान के रेंजरों द्वारा अपनी तरफ झाड़ियों का इस्तेमाल साजिशन किया जाता है। पाक रेंजरों से फ्लैग बैठक के दौरान झाड़ियां काटने की बात कही गई है, लेकिन पाकिस्तान की तरफ से झाड़ियों की सफाई नहीं करवाई गई। सवाल-एक बीएसएफ जवान कितने घंटे ड्यूटी करते हैं?
देश की सुरक्षा के लिए बीएसएफ का एक जवान रोजाना 12 से 18 घंटे सीमा पर ड्यूटी पर रहता है। वहीं बीएसएफ की महिला कांस्टेबल कंधे से कंधा मिलाकर पुलिस कांस्टेबल की तरह ही ड्यूटी करती हैं। बीएसएफ जवान अपने निजी हथियार, बुलेट काइन, वाकीटाकी सेट, नाइट विजन इंस्ट्रूमेंट के साथ कई किलोमीटर दूर से ड्यूटी पर रहते हैं। सवाल-बीएसएफ की महिला कांस्टेबलों के लिए बार्डर पर रुकने के क्या इंतजाम हैं?
भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हर बीएसएफ बीओपी पर महिलाओं के लिए अलग-अलग बैरक बनाए गए हैं। महिलाओं के लिए टीवी डिश, खेल के मैदान और अन्य सभी सुविधाओं से लैस बैरक हैं। सवाल--सीमा पर कठिन हालात में ड्यूटी करने वाले जवानों की सेहत का कैसे ध्यान रखा जाता है?
बीएसएफ के जवानों को खाने में पौष्टिक आहार दिया जाता है। डाक्टरों की सलाह से जवानों के लिए मेनू तैयार की जाती है। जवानों को सप्ताह में चार-पांच दिन मछली, मांस, अंडे और पनीर, खीर, फल उपलब्ध कराए जाते हैं। प्रत्येक जवान को नाश्ते में ब्रेड, मक्खन, जैम, इडली, सांबर, चटनी, दही, आलू, झींगा, दूध, हलवा, दलिया और मुट्ठी भर काजू, बादाम, किशमिश दिया जाता है। दोपहर के भोजन में दो सब्जियां, चावल, फल, सलाद होते हैं। जवानों को दिन में तीन बार चाय और रात की ड्यूटी के दौरान चाय के साथ बिस्कुट दिए जाते हैं। जवानों को गर्मी से बचाने के लिए लच्छी, ग्लूकोज और नींबू पानी दिया जाता है। सवाल-बीएसएफ के जवानों और सीमावर्ती लोगों से क्या कहना चाहेंगे?
बीएसएफ के जवानों ने हमेशा देशद्रोही तत्वों की साजिशों को नाकाम किया है। वे सीमावर्ती गांवों के किसानों और आम लोगों से देश विरोधी तत्वों पर नजर रखने और देश की सुरक्षा और देश के युवाओं की सुरक्षा के लिए पहले की तरह बीएसएफ का समर्थन करने का आग्रह करते हैं। साथ ही सीमा पर घूम रहे शरारती तत्वों और ड्रोन पर भी पूरा ध्यान दिया जाए।