पांच तख्तों की पैदल यात्रा की, सम्मानित नहीं किए जाने से रोष

गांव निज्झरपुरा के रहने वाले जगजीत सिंह ने 22 वर्ष पहले चार हजार किलोमीटर की दूरी तय करके पैदल ही पांचों तख्त की यात्रा की थी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 06:00 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 06:00 PM (IST)
पांच तख्तों की पैदल यात्रा की, सम्मानित नहीं किए जाने से रोष
पांच तख्तों की पैदल यात्रा की, सम्मानित नहीं किए जाने से रोष

संवाद सहयोगी, डेरा बाबा नानक : गांव निज्झरपुरा के रहने वाले जगजीत सिंह ने 22 वर्ष पहले चार हजार किलोमीटर की दूरी तय करके पैदल ही पांचों तख्त की यात्रा की थी। इस कारण उनकी काफी सराहना हुई थी, लेकिन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा अभी तक सम्मानित नहीं किए जाने से उनमें रोष है।

जगजीत सिंह ने कहा कि खालसा पंथ की चढ़दी कलां के लिए 1999 से विश्व स्तर पर मनाए गए 300वें खालसा पंथ स्थापना दिवस पर उन्होंने पैतृक गांव निज्झरपुरा ब्लाक डेरा बाबा नानक से पांच तख्तों की चार हजार किलोमीटर की लंबी पैदल यात्रा 65 दिनों में पूरी की थी। वे 22 वर्षो से खालसा पंथ की चढ़दी कलां के लिए बैसाखी पर सरबत के भले की अरदास करते आ रहे हैं, मगर दुख की बात है कि पांच तख्तों की पैदल यात्रा करने के बावजूद भी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने उनकी सुध नहीं ली। उन्होंने पैदल यात्रा करने के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से उस समय एक चिट्ठी भी मांगी थी ताकि उसे रास्ते में कोई परेशानी न आए, मगर कमेटी ने उस समय उसे चिट्ठी देने से मना कर दिया था। उसका शिकवा उन्हें आज भी है।

उन्होंने बताया कि उन्होंने श्री केसगढ़ तख्त श्री आनंदपुर साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब अमृतसर, तख्त श्री दमदमा साहिब, हजूर साहिब और पटना साहिब के अलावा सीस गंज दिल्ली, इंदौर, मथुरा, गवालियर, आगरा, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, यूपी, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार के अलग अलग एतिहासिक गुरुद्वारा साहिब के दर्शन पैदल यात्रा दौरान किए थे। वे रोजाना 30 किलोमीटर से लेकर 55 किलोमीटर तक सफर करते रहे थे। उन्होंने मांग की कि पैदल दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का मनोबल ऊंचा उठाने के लिए विशेष सम्मान करें।

chat bot
आपका साथी