सदमे में डूबी आशा बोली-मेरा तो पूरा घर उजड़ गया

पिछले दिनों हाथी गेट में जहरीली शराब पीने से 13 लोगों की मौत हो गई थी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 Aug 2020 09:53 PM (IST) Updated:Fri, 07 Aug 2020 06:09 AM (IST)
सदमे में डूबी आशा बोली-मेरा तो पूरा घर उजड़ गया
सदमे में डूबी आशा बोली-मेरा तो पूरा घर उजड़ गया

विनय कोछड़, बटाला

पिछले दिनों हाथी गेट में जहरीली शराब पीने से 13 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में हलवाई का काम करने वाला जसपाल भी शामिल था। अब उसके घर में पत्नी के अलावा चार बेटियां और एक बेटा है। घर का खर्चा जसपाल की कमाई से चलता था। बेटा बेरोजगार है। पिता की मौत के बाद परिवार में रोटी के लाले पड़ गए हैं। इसी बात को सोचकर जसपाल की पत्नी आशा सदमे में डूबी है। पति की मौत ने उसे कम गुमसुम कर दिया है।

परिजनों के मुताबिक पति की मौत के बाद वह कमरे के एक कोने में कैद होकर रह गई है। वह बिल्कुल भी नहीं खा रही है। एक कोने में बैठ कर पति की पुरानी यादों को ताजा कर रही है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अश्विनी शर्मा, राज्यसभा सांसद श्वेत मलिक और उनके साथ भाजपा नेता आशा को संवेदना देने पहुंचे तो आशा नम आंखों के साथ उनके समक्ष बैठ गई। हाथ जोड़कर कहा कि नेता जी मेरा तो पूरा घर उजड़ गया। अवैध शराब की शिकायत उनके मोहल्लावासियों ने कई बार प्रशासन से की, मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। बकायदा जिन-जिन लोगों का शराब तस्करी का उनके मोहल्ले में काम चलता रहा है, उनके नाम तक पुलिस को दिए। लेकिन किसी के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई। अश्विनी शर्मा ने उन्हें भरोसा दिया कि भाजपा पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। हर परिवार को वह इंसाफ दिलाकर ही रहेगी, चाहे इसके लिए उन्हें कड़ा संघर्ष क्यों न करना पड़े। मेरे पति की कातिल त्रिवेनी चौहान

बिलखते हुए आशा ने कहा कि मेरे पति की मौत की सरेआम जिम्मेदार त्रिवेणी चौहान और दर्शना कुमारी उर्फ फौजन है। ये दोनों शराब की बड़ी सौदागार है। पूरे बटाला में इनका अवैध शराब तस्करी का डंका था। कई बार फ्री में शराब पिलाकर उन्हें लालच दिया करती थी। मरने वाले दिन जसपाल ने कहा था पूरा परिवार इकट्ठा बैठकर खाएंगे

आशा ने बताया कि उस दिन सुबह पति ने घर से जाने से पूर्व कहा था कि आज रात को सभी परिजन इकट्ठे होकर एक-साथ खाना खाएंगे। काफी समय हो चुका है पूरा परिवार एक साथ बैठकर खाना नहीं खाया। मगर परामात्मा को कुछ और ही मंजूर था। रात को घर वापस आए तो तबीयत खराब हो गई। अस्पताल लेकर गए तो दम तोड़ दिया। रात का बना खाना वैसे का वैसा ही रह गया। हंसते-खेलते परिवार में अब बचा गम

इस परिवार में सभी का प्यार एक-दूसरे के साथ इतना था कि आस-पड़ोस के लोग इस परिवार का उदाहरण देते थे। खासकर जसपाल मोहल्लेवासियों और जरूरतमंद लोगों की मदद करने में सबसे आगे होता था। उसके मोहल्ले के लोगों ने कहा कि इस हंसते-खेलते परिवार में अब सिर्फ गम ही बचा है। सरकारी नौकरी देने की मांग

आशा ने मांग की कि पंजाब सरकार उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दें। यहीं बात उसने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के समक्ष भी रखी। उन्होंने भरोसा दिया कि वे एक पत्र पंजाब के सीएम को जरूर लिखेंगे कि पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा, एक-एक पारिवारिक सदस्य को सरकारी नौकरी और केस की जांच सीबीआइ से कराने की मांग रखेंगे।

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