घोंसलों से निकाल कर बेचे जा रहे तोते के बच्चे
वन्य विभाग की ओर से पशु-पक्षियों की संभाल करने के दावे किए जा रहे हैं मगर दूसरी तरफ सीमावर्ती क्षेत्र की सड़कों व नहरों के किनारे लगे पेड़ों के घोंसलों में से तोते के मासूम बच्चों को निकाल कर बेचा जा रहा है।
संवाद सहयोगी, कलानौर : वन्य विभाग की ओर से पशु-पक्षियों की संभाल करने के दावे किए जा रहे हैं, मगर दूसरी तरफ सीमावर्ती क्षेत्र की सड़कों व नहरों के किनारे लगे पेड़ों के घोंसलों में से तोते के मासूम बच्चों को निकाल कर बेचा जा रहा है। इस मामले को लेकर वन्य विभाग खामोश है।
घरों में तोते रखने के शौकीन लोग बढि़या किस्मों के तोते के एक बच्चे दो हजार से लेकर तीन हजार तक रुपये तक में खरीदते हैं। लोग से घरों में बातें करना सिखाते हैं। इस सीजन में तोतों के बच्चों को घोंसले से निकाल कर अमृतसर, मुकेरियां, होशियारपुर, जालंधर जैसे बड़े शहरों में बेचा जा रहा है। लोगों का कहना है कि यदि इसी तरह ही तोते के मासूम बच्चों को घोंसलों में से निकाला जाता रहा तो आने वाले समय में इसकी प्रजाति खत्म हो सकती है। इसके लिए वन्य विभाग के उच्चाधिकारियों को इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करने की जरूरत है।