पुश्तैनी कारोबार छोड़ फ्रूट बेचने को मजबूर दुकानदार
एक बार फिर से कुलचे भठूरे नान बर्गर की दुकानों पर कोरोना महामारी की मार पड़ी है।
महिदर सिंह अर्लीभन्न, कलानौर :
एक बार फिर से कुलचे, भठूरे, नान, बर्गर की दुकानों पर कोरोना महामारी की मार पड़ी है। जिस कारण यह पुश्तैनी कारोबार करने वाले दुकानदार अपने परिवारों का पालन पोषण करने के लिए फ्रूट बेचने को मजबूर है।
तरसेम सिंह व प्रभजोत सिंह ने बताया कि वह पिछले लंबे समय फास्ट फूड की दुकान चला रहे है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण उनकी बंद करने के दिए आदेशों के चलते उनका कारोबार बंद होकर रह गया है। जिससे वह अपने परिवारों का पालन पोषण करने के लिए अपने कारोबार को छोड़कर फ्रूट बेचने के लिए मजबूर है। इस समय फ्रूट के दाम अधिक होने के चलते वह महंगे भाव फ्रूट लाकर बेचते है। गर्मी के मौसम के कारण फ्रूट खराब हो जाता है। जिला प्रशासन की ओर से फ्रूट बेचने पर पाबंदी न होने से उन्होंने इस कारोबार को शुरू किया है।
दूसरी तरफ कस्बा कलानौर में चने कुलचे के मशहूर दुकानदार लाडी ने बताया कि उनकी दुकान पर पांच से सात व्यक्ति काम करते है, मगर उनका का भी बंद होने के चलते उसके पास काम करने वाले कारीगर मजदूर उसकी दुकान को छोड़कर अन्य दुकानों पर मेहनत मजदूरी पर लगे है।
शूज हाऊस के मालिक बिक्रमजीत सिंह भट्टी, रणबीर सिंह देयोल, विजय कुमार, मनियारी जनरल स्टोर के मालिक जंगीरी लाल, सोनू बडियाल, सोनी सोई, अंकुश सोई ने बताया कि उनकी भी दुकानें बंद होने से उन्हें समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि करियाना, दूध, घी-पनीर, फ्रूट की बड़ी दुकानों पर सब्जी बेचने वालों की चांदी बनी हुई है। दुकानदारों ने जिला प्रशासन से मांग की कि छोटे दुकानदारों का आर्थिक जीवन पटरी पर लाने के लिए उन्हें निर्धारित समय पर दुकानें खोलने की अनुमति दी जाए।