डीसी साहब घर-घर जाकर किए सर्वेक्षण के नहीं मिले पैसे

आशा वर्कर व फैसिलिटेटर यूनियन गुरदासपुर ने जिला प्रधान राजिंदर कौर व बलविंदर कौर अलीशेर की अध्यक्षता में डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद इशफाक से ऑनलाइन बैठक करके वर्करों को आ रही मुश्किलों से अवगत करवाया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 04:01 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 04:01 PM (IST)
डीसी साहब घर-घर जाकर किए सर्वेक्षण के नहीं मिले पैसे
डीसी साहब घर-घर जाकर किए सर्वेक्षण के नहीं मिले पैसे

संवाद सहयोगी, गुरदासपुर : आशा वर्कर व फैसिलिटेटर यूनियन गुरदासपुर ने जिला प्रधान राजिंदर कौर व बलविंदर कौर अलीशेर की अध्यक्षता में डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद इशफाक से ऑनलाइन बैठक करके वर्करों को आ रही मुश्किलों से अवगत करवाया। संगठन की प्रेस सचिव अंचल मट्टू बटाला ने बताया कि सरकार ने कोरोना महामारी की मुक्ति के लिए जून तक आशा वर्करों को 2500 रुपये व फैसिलिटेटर को 200 रुपये प्रति महीना जून तक जारी किया था। मगर अब कोरोना महामारी शिखर पर जा चुकी है। काफी लोग इसका शिकार हुए हैं।

इसी दौरान लोगों को कोरोना वायरस के लिए सैंपल करवाने के लिए प्रेरित करना, क्वारंटाइन के लिए सूचना के अलावा रोगों की पहचान करने के लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण करने के लिए आशा वर्करों को बिना कोई सुविधा दिए काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। जिले में एक आशा वर्कर परिवार समेत कोरोना पॉजिटिव आ गई है। मगर सरकार की ओर से गरीब आशा वर्कर को घोषित की गई 10 हजार की आíथक सहायता नहीं दी। इसी तरह जौनपुर की आशा वर्कर की ड्यूटी दौरान मौत होने पर परिवार को कोई आíथक सहायता नहीं दी। इस भीषण गर्मी के दौरान वर्करों की ओर से घर-घर जाकर किए जा रहे सर्वेक्षण के पैसे नहीं दिए गए।

वर्करों ने सरकार से माग की है कि उन्हें कम से कम उजरत है कानून के तहत वेतन दिया जाए। मास्क, सैनिटाइजर, साबुन की सुविधा दी जाए तथा उनके बनते मान भत्ते की राशि समय पर दी जाए। इस मौके मीरा काहनूवान, बबीता गुरदासपुर, कमलेश कुमारी ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मागों का जल्द समाधान ना किया गया तो वे सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगी।

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