आंगनबाड़ी वर्करों ने मंत्री अरुणा चौधरी के घर के सामने लगाया पक्का मोर्चा

अपनी मांगों को मनवाने के लिए आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन पंजाब (सीटू) की प्रदेशाध्यक्ष हरजीत कौर पंजोला के नेतृत्व में बड़ी संख्या में वर्करों ने कैबिनेट मंत्री अरुणा चौधरी की रिहायश के सामने धरना दिया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 04:38 PM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 04:38 PM (IST)
आंगनबाड़ी वर्करों ने मंत्री अरुणा चौधरी के घर के सामने लगाया पक्का मोर्चा
आंगनबाड़ी वर्करों ने मंत्री अरुणा चौधरी के घर के सामने लगाया पक्का मोर्चा

संवाद सहयोगी, दीनानगर : अपनी मांगों को मनवाने के लिए आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन पंजाब (सीटू) की प्रदेशाध्यक्ष हरजीत कौर पंजोला के नेतृत्व में बड़ी संख्या में वर्करों ने कैबिनेट मंत्री अरुणा चौधरी की रिहायश के सामने धरना दिया। वर्करों ने पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।

कन्वेंशन को संबोधित करते हुए आल इंडिया फेडरेशन आफ आंगनवाड़ी वर्कर्स हेल्पर के राष्ट्रीय महासचिव एआर सिधू और प्रधान ऊषा रानी ने कहा कि आज संविधान के निर्माता डा. भीम राव आंबेडकर के जन्म दिवस को अधिकार दिवस के रूप में मनाते हुए अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आंगनबाड़ी केंद्र की रौनक वापस लौटाने और 27 नवंबर 2017 के फैसले पर फिर से सरकार को विचार करने के लिए जगाने के लिए कन्वेशन की गई है। उन्होने कहा कि प्री प्राइमरी आईसीडीएस स्कीम का अभिन्नता अंग है। जीरो से लेकर छह साल के बच्चे में चहुपक्षी विकास की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी केंद्र द्वारा दी जाने वाली संगठित बाल विकास सेवाओं में छह सेवाओं के रूप में तय किया गया है।

ये छह सेवाएं पूर्व पौष्टिक आहार, सेहत जांच, टीकाकरण, प्री स्कूल एजुकेशन, सेहत व खुराक संबंधी शिक्षा व रेफरल सर्विस शामिल हैं। दो अक्टूबर 1975 से चली आ रही इस स्कीम द्वारा कुपोषण जैसे भयानक रोगों पर काबू पाने में सफलता प्राप्त हुई थी, मगर आज सरकार की नीतियों के कारण यह स्कीम खुद कुपौषित हो गई है। दूसरी तरफ पंजाब सरकार ने इस स्कीम को और इस स्कीम के साथ जुड़े हुए तीन से लेकर छह साल तक के बच्चों के चहुपक्षीय विकास को मिटाकर रख दिया है। वास्तव में केंद्र व राज्य सरकारें इस स्कीम को चलाने से पीछे हाथ खींच रही हैं।

21 सितंबर 2017 को पंजाब कैबिनेट में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू करने का फैसला लिया गया था। उसके बाद शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने तीन से छह साल के बच्चों को स्कूलों में दाखिल करने के दिशा-निर्देश जारी कर दिए। लंबे संघर्ष के बाद 26 नवंबर 2017 को प्री प्राइमरी कक्षाएं संयुक्त तौर पर चलाने का फैसला किया गया था, मगर तीन साल बीत जाने के बाद भी शिक्षा विभाग द्वारा सांझा पैसला लागू नहीं किया गया। मगर पंजाब सरकार द्वारा नए प्री प्राइमरी अध्यापकों की भर्ती ने फिर से पंजाब की 54 हजार वर्करों-हेल्परों के रोजगार को तीर की नोक पर खड़ा कर दिया है। इस दौरान चेतावनी दी गई कि जब तक सरकार आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन की मांगों को लागू नहीं करती, तब तक स्त्री व बाल विकास विभाग के मंत्री अरुणा चौधरी के घर के समक्ष शुरू किया गया मोर्चा जारी रहेगा। इस मौके पर महासचिव सुभाष रानी, वित्त सचिव अमृतपाल कौर, ज्वाइंट सचिव गुरदीप कौर, उपाध्यक्ष अनूप कौर, कृष्णा कुमारी, वरिदर कौर खन्ना, गुरबख्श कौर, सरबजीत कौर मुकेरियां, बलविदर कौर, नरिदर कौर, हरजिदर कौर आदि उपस्थित थे। ये हैं मांगें

-आंगनबाड़ी वर्करों से अतिरिक्त काम लेने बंद किया जाए।

-पिछले दो सालों से बकाया पड़े आंगनबाड़ी बिल्डिगों के किराये तुरंत जारी की जाए।

-आंगनबाड़ी सेंटरों में आंगनबाड़ी वर्करों-हेल्परों के खाली पड़े पद तुरंत भरे जाएं। कोविड-19 के नियम तोड़े

धरने के दौरान कोविड-19 के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। किसी ने न तो मास्क पहना हुआ था और न ही शारीरिक दूरियों का ध्यान रखा था।

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