कादियां में सीवरेज प्रोजेक्ट आज भी अधूरा
कस्बे का सीवरेज प्रोजेक्ट अभी भी अधूरा है।
संवाद सहयोगी, कादियां : कस्बे का सीवरेज प्रोजेक्ट अभी भी अधूरा है। अकाली-भाजपा की सरकार में कस्बे में सीवरेज प्रोजेक्ट काम काम शुरू किया गया था। सरकार ने गंदे छप्पड़ में लगभग 26 करोड़ रुपये की लागत से इस प्रोजेक्ट का 90 प्रतिशत काम पूरा किया था। बाद में कांग्रेस सरकार आई, जो बाकी बचा दस प्रतिशत काम भी पूरा नहीं कर सकी। इससे कस्बे के लोगों में रोष है।
गौर हो कि शहर के गंदे पानी की निकास के लिए पक्का सीवरेज डालना, इसके ऊपर दोनों ओर 15-15 फुट की पक्की सड़कें बनाना, सड़क के बीच फुटपाथ बनाना, दोनों सड़कों के ऊपर बिजली की लाइटें लगाना और सड़क के साथ खाली जमीन पर पार्क बनाने के काम को छोड़कर बाकी सभी कार्य अकाली भाजपा सरकार ने समय पर पूरे करवाए थे। चुनावों के बाद इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की नैतिक जिम्मेदारी कांग्रेस की थी। सीवरेज डालने के बाद खाली जमीन पर पार्क बनवाकर शहर निवासियों के सपनों को साकार करने में कांग्रेस सरकार नाकाम रही है। वह इसकी मेंनटेंस भी नहीं कर सकी। सड़कों पर बिजली भी चालू नहीं कर सकी। गौर हो कि कादियां में देश विदेश से पूरा वर्ष हजारों लोग इस पवित्र नगरी के दर्शन करने के लिए आते हैं। गंदगी के यह डंप कादियां की इमेज को धूमल कर रहे हैं।
खाली जगह पर पार्क, हेल्थ सेंटर के बजाये बना दिए कूड़े के डंप
जब छप्पड़ों पर सीवरेज नाला बन गया तो कई एकड़ खाली जमीन नगर कौंसिल कादियां और पुडा के अधीन आ गई। इस पर शहर निवासियों के लिए पार्क, एक कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, एससओ, शापिग सेंटर बनाने का प्रोपोजल था, परंतु नगर कौंसिल ने खाली पड़ी जमीनों पर पार्को के स्थान पर कूड़े के डंप बनवा दिए। आज सीवरेज नाले के साथ गंदगी के ढेरों से शहर निवासी बेहद परेशान हैं। विशेषकर अहमदिया-वाल्मीकि मोहल्ला की लिक सड़क की आबादी। लोगों ने घरों की चारदीवारी बढ़ाकर किए कब्जे
जहां-जहां सीवरेज डाला गया है सड़क के साथ रह रहे लोगों ने अपने घरों की चारदीवारी बढ़ाकर कब्जे कर लिए। यहां पुडा ने कई बोर्ड भी लगाए हैं, जिसमें लिखा हैं यह गंदे नाले की जगह पुडा के अधीन है। इस जगह पर कब्जा करना गैर कानूनी है। इसके बावजूद लोगों ने नाजायज कब्जे करके कांग्रेस सरकार को आईना दिखाया है। यहां तक कि कांग्रेस सरकार इस सड़क पर लाइटें लगाने की जहमत भी नहीं कर सकी। नगर को स्वच्छ रखने की नैतिक जिम्मेदारी नगर कौंसिल की है। इसके बावजूद रिहायशी क्षेत्र में पूरे शहर की गंदगी डालने का कोई औचित्य है। जबकि नगर कौंसिल के पास ट्रैक्टर-ट्रालियां और जेसीबी मशीन है। डंप वाली जगह से निकलने वाला पानी जहरीला
यह जमीन चार सौ वर्षो तक पानी में डूबी थी, जिसे अब नगर कौंसिल ने डंप बना दिया है। इस जमीन से निकलने वाला पानी बेहद जहरीला है। इस कारण यहां आबादी नहीं बस सकती। इस कारण वातावरण दूषित हो गया है। निकट की रिहाशी आबादी बेहद परेशान है। --कोट्स
वे कादियां को एक माडल शहर बनाएंगे। खाली पड़ी जमीन पर पार्क बनाए जाएंगे। डंप वाली जगह पर बस स्टैंड बनाने पर विचार चल रहा है।
-विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा।