उम्र 70 साल, दूसरों की सेवा के लए जज्बा अपार

दल में अगर लोगों की मदद करने का जज्बा हो तो फिर इंसान को कोई कठिनाई नहीं रोक सकती है। गुरदासपुर के एक 70 वर्षीय शख्स ने भी कुछ ऐसा ही किया है जिसकी कल्पना करना भी शायद मुश्किल लगे।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 03:16 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 03:16 PM (IST)
उम्र 70 साल, दूसरों की सेवा के लए जज्बा अपार
उम्र 70 साल, दूसरों की सेवा के लए जज्बा अपार

अशोक कुमार, गुरदासपुर : दिल में अगर लोगों की मदद करने का जज्बा हो तो फिर इंसान को कोई कठिनाई नहीं रोक सकती है। गुरदासपुर के एक 70 वर्षीय शख्स ने भी कुछ ऐसा ही किया है, जिसकी कल्पना करना भी शायद मुश्किल लगे। 70 वर्षीय शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त कर्मचारी इंदरजीत सिंह बाजवा जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए साइकिल पर जगह-जगह जाते हैं और उनकी मदद करते हैं। खासकर कोरोना महामारी के दौरान इन्होंने लोगों की खूब मदद की।

उन्होंने कहा कि वह हमेशा जरूरतमंद लोगों की सेवा करना चाहते थे और रिटायरमेंट के बाद उन्हें अपनी ख्वाहिश को पूरा करने का मौका मिला। उन्होंने बताया कि उन्होंने कई बेटियों की कालेज व स्कूल की फीस देते है और कई जरूरतमंदों को अपनी जेब से साइकिल भी ले कर दी है। उन्होंने बताया कि बहरामपुर रहने रहने वाले मिदर पाल को मजदूरी करने के लिए रोज 15 किलोमीटर पैदल जाना पड़ता था। जब उन्हें पता चला कि वह मजदूरी करने के लिए पैदल जाते हैं तो उन्होंने उनसे संपर्क कर उन्हें नई साइकिल लेकर दी । उनका कहना है कि उन्होंने कुछ लोगों को उनकी इन सेवाओं का दुरुपयोग करने की कोशिश करते हुए भी देखा है, पर बाजवा ऐसे लोगों से बात कर उन्हें इन सेवाओं का दुरुपयोग न करने की सलाह देते हुए खुद अपनी और जरूरतमन्द व्यक्तियों की मदद करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। अपने खर्च पर भी करते हैं मदद

समाज सेवा का काम करते हुए। यह भी जाँचने का काम करते हैं, कि मदद के लिए जो रिक्वेस्ट आई हैं वो सही हैं या नहीं। बाजवा शहर के इलाके में रहते हैं और अपने घर के 20 से 30 किलोमीटर के दायरे में मदद के लिए आई हुई रिक्वेस्ट को पूरा करने का काम करते हैं। और अपनी जेब से लोगों की मदद करते हैं।

मिला परिवार का समर्थ

मीडिया के साथ हुई बातचीत में उन्होने बताया है कि शुरुआत में उनके परिवार वालों की इस काम को लेकर थोड़ी आशंका थी, लेकिन अब वे पूरी तरह से उनके साथ खडे हैं। बच्चे भी इस काम का पूरी तरह समर्थन कर रहे हैं। अपनी फिटनेस का भी रखते हैं ख्याल

अपनी फिटनेस के प्रति उत्साही बाजवा आमतौर पर शहर के आसपास यात्रा करने के लिए साइकिल का उपयोग करते हैं और नियमित तौर पर रोजाना दो घंटे सुबह सैर करते हैं।

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