कंजक पूजन कर लिया मां का आशीर्वाद

चैत्र नवरात्र के पांचवें दिन फिरोजपुर शहर व छावनी के मंदिरों में मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा-अर्चना विधि-विधान से की गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 10:08 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 10:08 PM (IST)
कंजक पूजन कर लिया मां का आशीर्वाद
कंजक पूजन कर लिया मां का आशीर्वाद

संवाद सहयोगी, फिरोजपुर : चैत्र नवरात्र के पांचवें दिन फिरोजपुर शहर व छावनी के मंदिरों में मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा-अर्चना विधि-विधान से की गई। फिरोजपुर शहर स्थित मंदिर देवी द्वारा में मां दुर्गा के पंचम स्वरूप स्कंदमाता को नारंगी रंग की पोशाक धारण कराई गई और माता रानी को केले का भोग लगाया गया और भक्तों ने कंजक पूजन कर मां का आशीर्वाद लिया।

मंदिर देवी द्वार के पुजारी पंडित अंशु शर्मा ने बताया कि छठे नवरात्र मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा अर्चना की जाएगी। माना जाता है कि देवी के इसी स्वरूप ने महिषासुर का मर्दन किया था। देवीभाग्वत पुराण के अनुसार देवी के इस स्वरूप की पूजा गृहस्थों और विवाह के इच्छुक लोगों के लिए बहुत ही फलदायी है। मंदिर श्री देवी द्वार के पुजारी अंशु शर्मा ने बताया कि महर्षि कात्यायन की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति ने उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया। महर्षि कात्यायन के नाम पर ही देवी का नाम कात्यायनी हुआ। मां कात्यायनी अमोद्य फलदायिनी हैं। मां कात्यायनी देवी की पूजा विधि व भोग

नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा के लिए लाल रंग के वस्त्र पहनें। फिर फूलों से मां को प्रणाम कर देवी के मंत्र का ध्यान जरूर करें। इस दिन दुर्गा सप्तशती के 11वें अध्याय का पाठ करना चाहिए। पुष्प और जायफल देवी को अर्पित करना चाहिए। देवी मां के साथ भगवान शिव की भी पूजा करनी चाहिए। पुराणों में बताया गया है कि देवी की पूजा से गृहस्थों और विवाह योग्य लोगों के लिए बहुत शुभफलदायी है। मां कात्यायनी को मधु यानी शहद युक्त पान बहुत पसंद है। इसे प्रसाद स्वरूप अर्पण करने से देवी अति प्रसन्न होती हैं।

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