कांग्रेस विधायकों के गढ़ में प्रशासनिक अधिकारियों के पद खाली

सीमावर्ती जिले में उच्च स्तरीय प्रशासनिक अधिकारियों की स्थायी तैनाती नही हो पाई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 10:08 AM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 10:08 AM (IST)
कांग्रेस विधायकों के गढ़ में प्रशासनिक अधिकारियों के पद खाली
कांग्रेस विधायकों के गढ़ में प्रशासनिक अधिकारियों के पद खाली

तरूण जैन, दीपक वधावन, गुरुहरसहाय (फिरोजपुर): सीमावर्ती जिले में उच्च स्तरीय प्रशासनिक अधिकारियों की स्थायी तैनाती नही हो पाई है। जिले में एडीसी जरनल, एडीसी अर्बन डवल्पमेंट, असिस्टेंट कमिश्नर जरनल, असिस्टेंट कमिशनर ग्रीवियंस सहित अन्य अधिकारियो के पद खाली पड़े हैं। इतना ही नहीं एडीसी डवलपमेंट का पद भी एडिशनल चार्ज पर चल रहा है। अधिकारियों की कमी के चलते प्रशासनिक कार्य न होने से लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस विधायक होने के बावजूद अधिकारियों की कमी सरकार की व्यवस्था पर अनेकों सवाल उठाती है, जिस पर सभी चुप्पी धारे हुए है।

18 अक्तूबर से एडीसी जरनल व एडीसी अर्बन डवलपमेंट का पद खाली है। इसी तरह रविंद्र सिंह अरोड़ा का तबादला होने के बाद एक अगस्त के बाद से असिस्टेंट कमिश्नर जरनल व असिस्टेंट कमिश्नर शिकायत के पद खाली हैं। एडीसी अर्बन डवलपमेंट लतीफ अहमद ने पांच जुलाई को पद्भार संभाला था और उनका 18 अक्तूबर को तबादला हो गया था। तीन जुलाई को एडीसी जरनल राजदीप कौर का मुक्तसर तबादला होने के बाद सुखप्रीत सिंह ने चार्ज संभाला था। उनके तबादले के बाद विक्रमजीत सिंह की तैनाती के आदेश हुए थे, लेकिन उन्होंने पद्भार नही संभाला। इसके बाद फिर से सुखप्रीत सिंह को एडीसी जरनल लगाने संबंधी आदेश हुए और जसप्रीत सिंह द्वारा भी अभी तक ज्वाइन नहीं किया गया। एडीसी डवलपमेंट सर्बजीत वालिया भी एडीशनल चार्ज संभाले हुए हैं। ना सिर्फ उच्चाधिकारी बल्कि कई अन्य विभागों के अधिकारी भी एडिशनल चार्ज लेकर अपने पदों पर विराजमान है। अधिकारियों का सप्ताह में तीन-तीन दिन विभिन्न जिलों में सेवाएं देकर कार्य करना पड़ रहा है और आम जनता के कार्य लटकते आ रहे है। अधिकारी भी नहीं जिले में नियुक्ति के लिए तैयार

सूत्र बताते हैं कि कई ऐसे मामले हैं, जिनमें सत्ताधारी नेताओं के करीबियो की जांच एडीसी व एसडीएम स्तर के अधिकारियों के पास है। अपनी ही सरकार के नेताओं के खिलाफ कोई रिपोर्ट तैयार ना करनी पड़े। इसलिए ज्यादातर अधिकारी शहीदों के शहर में सेवाए देने से परहेज कर रहे हैं। बेशक सरकारी रिकार्ड में सरकार की ओर से इनके तबादले दिखा दिए जाते हों, लेकिन अधिकारी यहां पर नियुक्त होने को तैयार नहीं हैं। सीएम के आदेश भी नहीं हो रहे लागू

राज्य में मुख्यमंत्री की कमान संभालने के बाद सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने अधिकारियों व कर्मचारियों को सुबह नौ बजे कार्यालय आने के आदेश दिए थे। बेशक शुरुआती दिनों में तो अधिकारी व कर्मचारी समय पर आए, लेकिन अब फिर से ज्यादातर अधिकारी व बाबू लेट ही दफ्तरों में आ रहे हैं। उच्चाधिकारियो को लिखा पत्र: डीसी

डीसी दविंदर सिंह ने कहा कि जिले में अधिकारियो की कमी के बारे में उच्चाधिकारियो को पत्र लिखा जा चुका है और जल्द ही एडीसी सहित अन्य अधिकारियो के पद भरे जाएंगे। लोगों को प्रशासनिक कार्यो में कोई दिक्कत ना आए। इसके लिए पूरे प्रयास किए जा रहे है।

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