बागी अस्पताल में सेहत बीमा योजना के तहत होगा मुफ्त इलाज

फिरोजपुर शहर के अनिल बागी सुपर स्पेश्लिटी अस्पताल में अब सरबत सेहत सेवा बीमा योजना के कार्ड होल्डर का इलाज मुफ्त किया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 10:31 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 10:31 PM (IST)
बागी अस्पताल में सेहत बीमा योजना के तहत होगा मुफ्त इलाज
बागी अस्पताल में सेहत बीमा योजना के तहत होगा मुफ्त इलाज

संस, फिरोजपुर (वि) : फिरोजपुर शहर के अनिल बागी सुपर स्पेश्लिटी अस्पताल में अब सरबत सेहत सेवा बीमा योजना के कार्ड होल्डर का इलाज मुफ्त किया जाएगा। मेडिकल डायरेक्टर कमल बागी और सीईओ डा. गौरव बागी ने बताया कि मरीजों की सुविधा के लिए अस्पताल में तीन आक्सीजन प्लांट लगाये गए हैं। अस्पताल में कोविड के मरीजों के लिए एसी आइसीयू और कमरे भी तैयार हैं। कोविड के मरीजों के लिए 12 नए रूम तैयार किए गये है जिनमें हर प्रकार की सुविधा होगी। कोविड मरीजों के लिए चार नए वेंटिलेटर खरीदे गए हैं। उन्होंने जरूरतमंदों से अपील की कि वे सेहत बीमा योजना का फायदा लेने के लिए अस्पताल में इलाज करवाएं।

ई-संजीवनी ओपीडी से ले सकते हैं डाक्टर की सलाह संवाद सूत्र, फाजिल्का : कोविड की हिदायतों का पालन करते हर माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत सीएचसी डब्बवाला कलां में दूसरी व तीसरी तिमाही वाली गर्भवती महिलाओं का डाक्टरी चेकअप करने के लिए विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं, जिसके तहत टाहलीवाला बोदला, करनीखेड़ा, हस्ता कलां प्राइमरी हेल्थ सेंटर व सीएचसी डब्बवाला कलां में महिला रोगों के विशेषज्ञ डाक्टरों की ओर से गर्भवती महिलओं का चेकअप किया गया।

एसएमओ डा. पंकज चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षा मातृत्व अभियान के तहत जिला अस्पताल, सब डिविजन अस्पतालों, प्राइमरी स्वास्थ्य केंद्रों और कम्युनिटी स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं के चेकअप कैंप लगाए गए। उन्होंने बताया कि कैंपों में गर्भवती महिलाओं के चेकअप के साथ-साथ ब्लड प्रेशर, रक्त की जांच, एचआइवी टेस्ट, शुगर रोग और अन्य लक्षणों की जांच की जाती है। इस मौके ब्लाक मास मीडिया इंचार्ज दिवेश कुमार ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को शरीर में रक्त की कमी पूरी करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, फल-फ्रूट खाने चाहिए, आयोडीन युक्त नमक का प्रयोग करने, दूध, दही, पनीर, अंडे का प्रयोग करने के लिए बताया जाता है, जिससे डिलीवरी के समय जच्चा-बच्चा दोनों तंदुरुस्त रह सकें। उन्होंने कहा कि ऐसे कैंपों का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं की डाक्टरी जांच करके खतरे वाली डिलिवरी जैसे ब्लड प्रेशर का बढ़ना, रक्त का घटना, शुगर रोग आदि की तलाश करके उनका समय पर इलाज करना है, जिससे गर्भ अवस्था के दौरान होने वाली माताओं की मौतों को कम किया जा सके और जच्चा-बच्चा दोनों तंदरुस्त हों। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के चलते गर्भवती महिलाएं घर बैठे भी ई. संजीवनी ओपीडी से विशेषज्ञ डाक्टरों की सलाह ले सकती हैं।

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