बारदाने की किल्लत, पूर्व सिचाई मंत्री ने किया मंडियों का दौरा

गेहूं की खरीद का करब दस दिन हो चुके हैं मंडियों में बैठे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 03:20 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 03:20 PM (IST)
बारदाने की किल्लत, पूर्व सिचाई मंत्री ने किया मंडियों का दौरा
बारदाने की किल्लत, पूर्व सिचाई मंत्री ने किया मंडियों का दौरा

संवाद सूत्र, गुरूहरसहाय : गेहूं की खरीद का करब दस दिन हो चुके हैं, मंडियों में बैठे किसानों और आढ़तियों को बारदाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इन मुश्किलों के मद्देनजर पूर्व कैबिनेट मंत्री जनमेजा सिंह सेखों और शिरोमणि अकाली दल के जिला प्रधान वरदेव सिंह नोनीमान की तरफ से सोमवार को अनाज मंडी लक्खोके बहराम का दौरा किया गया। जिस दौरान किसानों और आढ़तियों ने उनको अपनी, मुश्किलों से वाकिफ करवाया।

मुश्किलें सुनने के बाद कैबिनेट मंत्री सेखों की तरफ से डिप्टी कमिश्नर और खरीद एजेंसियां के अधिकारियों के साथ फोन पर बातचीत करके मंडियों में बारदाना जल्द भेजने के लिए कहा गया। उन्होंने पंजाब सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मंडियों में पिछले साल के मुकाबले इस बार 20 फीसद बारदाना मंडियों में भेजा गया है, जिस कारण 80 प्रतिशत गेहूं की खड़ी फसल मंडियों में बरबाद रही है और किसान भी परेशान हो रहे है। उन्होंने खरीद एजेंसियां के जिला स्तरीय अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसानों और आढ़तियों की बारदाने सम्बन्धित मुश्किल को हल न किया गया तो मंडियों का घेराव कर मुख्य मार्गों पर धरना प्रदर्शन करके बड़े स्तर पर संघर्ष शुरू करा जाएगा। इस मौके पर पार्टी के जिला शहरी अध्यक्ष मांटू, वोहरा, गुरप्रीत सिंह पूर्व चेयरमैन,कपिल कंधारी, मुनीश कधारी, निशान सिंह झाडीवाला, जसविदर बागूवाला, जगदीप लक्खोके, विक्की वधावन, आदि नेता भी उपस्थित थे। मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन गुरप्रीत सिंह लक्खो के बहराम ने कहा कि एक तो पक्षपात का रवैया चल रहा है और और दूसरा पंजाब सरकार ने बारदाने की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी के बारे में जो कहा था वह वैसा नहीं हुआ है और बारदाने की भारी किल्लत चल रही है ।

किसान नेता सुखदेव सिंह ने बताया कि बारदाना न मिलने की वजह से इन दिनों बारिश के मौसम में गेहूं को ढकने के लिए सरकार द्वारा तिरपाल का इंतजाम भी नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड की महामारी के चलते न तो किसानों को सैनिटाजर और न ही मास्क दिये गए हैं।

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