लोगों को इंसाफ दिलाना व नशे का खात्मा का ही लक्ष्य

इंसाफ के लिए भटक रहा व्यक्ति ही रात को किसी पुलिस आफिसर को फोन करता है। फिरोजपुर के डीआइजी हरदयाल मान का कहना है कि जब भी रात को किसी का फोन आता है तो वे नजरअंदाज नहीं करते।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 10:22 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 10:22 PM (IST)
लोगों को इंसाफ दिलाना व नशे का खात्मा का ही लक्ष्य
लोगों को इंसाफ दिलाना व नशे का खात्मा का ही लक्ष्य

संजय वर्मा, फिरोजपुर : इंसाफ के लिए भटक रहा व्यक्ति ही रात को किसी पुलिस आफिसर को फोन करता है। फिरोजपुर के डीआइजी हरदयाल मान का कहना है कि जब भी रात को किसी का फोन आता है तो वे नजरअंदाज नहीं करते। खुद फोन उठाते हैं और समस्या का समाधान करने की कोशिश करते हैं। दिनभर की मेहनत के बाद जब कभी तनाव होता है तो बागवानी और ध्यान लगाकर तनाव को दूर कर लेते हैं। लेकिन दुख तब होता है जब कोई पहुंच वाला व्यक्ति किसी पुलिस मुलाजिम के बारे में गलत शब्द इस्तेमाल करता है। उन्होंने कहा कि लोगों को इंसाफ दिलाना व नशे का खात्मा ही उनका मुख्य लक्ष्य है।

नशे के खिलाफ जंग में अभिप्राय बन चुके 2004 बैच के आइपीएस अधिकारी हरदयाल सिंह मान रिटायरमेंट के बाद भी अपनी जंग जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी और आर्थिक तंगी के कारण अपराध और नशा बढ़ रहा है। नशे के खिलाफ वे अपनी जंग ताउम्र जारी रखेंगे और कभी हार नहीं मानेंगे। जिला मोगा के नजदीकी गाव ठीकरी में रहने वाले हरदयाल मान ने बताया कि उनके माता पिता अनपढ़ थे लेकिन समझदार काफी थे, जिस कारण वे और उनके भाई बहन अच्छी शिक्षा हासिल कर सकें। अब भी वक्त मिलता है तो वह परिवार के साथ बिताना चाहते हैं।

अपराधियों के लिए कड़क व लोगों के लिए सहयोगी

अपराधियों के लिए कड़क और शहर वासियों के लिए सहयोगी अधिकारी हरदयाल मान बेहद भावुक हैं। बागवानी करना उनका शौक है। रोज नई उर्जा के लिए ध्यान और योग करते हैं। परिवार में तीन भाई दो बहनों के अलावा अब मा उनके साथ है। आबादी के हिसाब से पुलिस फोर्स बहुत कम

फिरोजपुर में एसएसपी के पद पर रहने के बाद हरदयाल मान अब डीआइजी हैं। अगस्त महीने में वे रिटायर होने जा रहे हैं। मान ने कहा कि कोई मुलाजिम अगर चौक पर ड्यूटी दे रहा है तो यह उसके लिए चुनौती होती है। उसकी हालत वही जान सकता है। आज आबादी के मुताबिक पुलिस फोर्स नहीं। अधिक ड्यूटी और जिम्मेदारी के कारण पुलिस मुलाजिमों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अधिक व्यस्तता होने कारण कोई भी मुलाजिम नई ट्रेनिंग ज्वाइन नहीं कर सकता। पुलिस को डंडा बताने वाले लोग अगर मुलाजिमों को सहयोग करें तो काम की प्रक्रिया भी आसान हो सकती है। रिटायरमेंट के बाद भी जारी रहेगी नशे के खिलाफ जंग

चुनौती और लक्ष्य के बारे में बात करते हुए हरदयाल मान ने कहा कि लोगों को इंसाफ दिलाना ही एकमात्र चुनौती रही है और लक्ष्य नशे को जड़ से खत्म करना है, जब तक वे ड्यूटी में रहे हैं तब तक नशे के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। रिटायरमेंट के बाद सामाजिक कार्यो से जुड़ेंगे और लोगों को साथ जोड़कर नशे के खिलाफ मुहिम जारी रखेंगे।

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