छात्रों ने किया बीएसएफ कैंपस का दौरा

शांति विद्या मंदिर स्कूल एवं बीएसएफ की ओर से शहीद भगत सिंह के जन्म दिवस के अवसर पर कैंप का आयोजन किया गया

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 09:46 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 09:46 PM (IST)
छात्रों ने किया बीएसएफ कैंपस का दौरा
छात्रों ने किया बीएसएफ कैंपस का दौरा

संवाद सूत्र, फिरोजपुर : शांति विद्या मंदिर स्कूल एवं बीएसएफ की ओर से शहीद भगत सिंह के जन्म दिवस के अवसर पर कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें कक्षा 11वीं तथा 12वीं के छात्रों को बीएसएफ कैंपस ले जाया गया। इस दौरान बीएसएफ के कमांडर ने छात्रों को बीएसएफ ट्रेनिग के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने बच्चों को बताया कि बीएसएफ के जवान किस तरह से अपने हर काम को कुशलता से करते हैं। छात्रों के साथ स्कूल की प्रिसिपल रजनी मडाहर, गुरसाब सिंह एवं स्कूल के साइंस टीचर हिमांशु भी मौजूद थे। इसके बाद छात्रों को हुसैनीवाला बार्डर पर ले जाया गया, जहां पर छात्रों को बार्डर के किले, शहीद भगत सिंह के जीवन और बार्डर पर बनी हर यादगार के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। इससे छात्रों के ज्ञान में वृद्धि हो सके और उनके मन में अपने देश के प्रति श्रद्धा , विश्वास एवं प्रेम की भावना जागृत हो। छात्रों को बीएसएफ की ट्रेनिग की जानकारी दी गई और छात्रों से भी ट्रेनिग से संबंधित कुछ क्रियाएं करवाई गई। बार्डर पर तिरंगे को सलामी देकर राष्ट्रगान गाकर कैंप का समापन किया। स्कूल की प्रिसिपल रजनी मडाहर ने बीएसएफ के जवानों एवं कमांडर का आभार व्यक्त किया। प्रिसिपल ने कहा कि वे समय-समय पर अपने छात्रों को इसी तरह की ऐतिहासिक कैंप पर ले जाया करेंगे ताकि छात्रों ने अपने देश के प्रति प्रेम की भावना जागृत हो और हमेशा बनी रहे।

भारत-पाक 1965 युद्ध में शहीद हुए जवानों को किया याद संवाद सूत्र, फाजिल्का :

भारत-पाकिस्तान के बीच 1965 में हुए युद्ध में दुश्मनों के दांत खट्टे कर देश के लिए शहीद हुए वीर जवानों को याद करने के लिए एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन फाजिल्का के आफसवाला गांव में बनी शहीदों की समाधि पर किया गया। इस अवसर पर सीमा सुरक्षा बल की 181वीं बटालियन के द्वितीय कमान अधिकारी संजय कुमार देवाल, उनके साथ अन्य अधिकारियों व जवानों ने शहीदों की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।

बीएसएफ सहयोगी व बॉर्डर एरिया विकास फ्रंट के प्रधान लीलाधर शर्मा ने बताया कि छह सितंबर से 25 सितंबर तक हुए इस युद्ध में भारतीय सेना के साथ-साथ 20वीं बटालियन पीएपी, जो बाद में बीएसएफ की 22वीं बटालियन में तब्दील हुई, के सात जवान भी शहीद हुए। वही चार ग्रामीणों ने भी अपनी जान गवाई। पंजाब होमगार्ड के जवानों ने भी अपनी ताकत दिखाई थी। बीएसएफ के जवानों शहीद निर्मल सिंह, शाम सिंह, सुरजमल, ओमप्रकाश, करतार सिंह, काबुल सिंह, मुलासिंह की शहादत को अब भी याद किया जाता है, जो दुश्मनों के मोर्चे में जाकर बदला लेते शहीद हुए। बीएसएफ द्वितीय कमान अधिकारी संजय देवाल ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते कहा कि देश के लिए शहीद हुए वीर सैनिकों को हमेशा याद रखा जाएगा।

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