दुकानें बंद, शराब के ठेके खुलने से व्यापारियों में रोष

कोरोना काल के दौरान सरकार ने मिनी लाकडाउन लगाकर कुछ जरूरी वस्तुओं की दुकानें छोड़ कर बाकी कारोबार ठप्प करवा दिए हैं लेकिन शराब के ठेके लगातार खुलते रहे हैं और अब सरकार ने भी ठेके खोलने की मंजूरी दे दी है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 10:29 PM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 10:29 PM (IST)
दुकानें बंद, शराब के ठेके खुलने से व्यापारियों में रोष
दुकानें बंद, शराब के ठेके खुलने से व्यापारियों में रोष

संवाद सूत्र, जीरा (फिरोजपुर) : कोरोना काल के दौरान सरकार ने मिनी लाकडाउन लगाकर कुछ जरूरी वस्तुओं की दुकानें छोड़ कर बाकी कारोबार ठप्प करवा दिए हैं, लेकिन शराब के ठेके लगातार खुलते रहे हैं और अब सरकार ने भी ठेके खोलने की मंजूरी दे दी है। व्यापारी वर्ग ने रोष जताते हुए कहा कि जब बाकी कारोबार के साथ कोरोना फैल सकता है तो शराब के ठेकों से कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं क्या।

शहर के व्यापारी वर्ग ने पंजाब सरकार से मांग की है कि सरकार उनके कारोबार ठप्प होने से बचाने के लिए दोपहर दो बजे तक उन्हें भी दुकानें खोलने की मंजूरी दे । ठेके खुलने पर एक्साइज विभाग के अधिकारी जसकरण बराड़ ने बताया कि सरकार ने शराब के ठेकों को जरूरी वस्तुओं में शामिल कर खोलने का ऐलान कर दिया है ।

मिनी लाकडाउन के फैसले पर विचार करे सरकार: गुलबद्धर संवाद सूत्र, फाजिल्का : पंजाब में कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों के चलते भले ही पंजाब सरकार ने गैर जरूरी दुकानें ना खोलने के आदेश जारी किए हैं। लेकिन बाजार में कुछ दुकानें खुली होने व अन्य दुकानें बंद होने के चलते दुकानदारों में भारी रोष पाया जा रहा है।

फाजिल्का व्यापार मंडल के अध्यक्ष अशोक गुलबद्धर ने ईमेल के जरिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिद्र सिंह को मिनी लाकडाउन पर दोबारा से विचार करने पर कुछ सुझाव दिए हैं। सीएम को ई-मेल के जरिए भेजी गई चिट्ठी में लिखा गया कि पंजाब का व्यापार पिछले तीन महीने से कोरोना महामारी की वजह से महामंदी का सामना कर रहा है। अब फिर से पंजाब सरकार ने मिनी लाकडाउन का निर्णय लिया है, जिससे दुकानदारों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इन मुश्किलों में उनके सारे खर्चे यानी कर्मचारियों का वेतन, घर चलाने के लिए जीविका, इएमआई, बैंक का ब्याज, दुकानों का किराया आदि भरने में असमर्थ हैं, जिससे अधिकतर व्यापारियों में भुखमरी व दिवालियापन होने का डर है। व्यापार मंडल मिनी लाकडाउन के फैसले पर दोबारा विचार करने का आग्रह करता है और कोई ना कोई व्यापारियों के हक में फैसला करने का भी आग्रह करता है।

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