रूरल फार्मेसी अफसरों ने दिया सरकार को अल्टीमेटम

पंजाब के 12 हजार गांवों में पिछले 15 सालों से काम कर रहे रूरल फार्मेसी अफसरों ने पंजाब सरकार को पद वापस करने का अल्टीमेटम दिया है। फार्मेसी अफसरों ने कहा अगर 30 मई तक उनकी मांगें पूरी न की गई तो वे सरकार की तरफ से दिया डेजिग्नेशन वापस करेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 10:28 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 10:28 PM (IST)
रूरल फार्मेसी अफसरों ने दिया सरकार को अल्टीमेटम
रूरल फार्मेसी अफसरों ने दिया सरकार को अल्टीमेटम

संवाद सूत्र, फिरोजपुर : पंजाब के 12 हजार गांवों में पिछले 15 सालों से काम कर रहे रूरल फार्मेसी अफसरों ने पंजाब सरकार को पद वापस करने का अल्टीमेटम दिया है। फार्मेसी अफसरों ने कहा अगर 30 मई तक उनकी मांगें पूरी न की गई तो वे सरकार की तरफ से दिया डेजिग्नेशन वापस करेंगे।

यूनियन के राज्य प्रधान अनु तिवारी ने यूनियन नेताओं की मीटिग करते हुए कहा कि सरकार ने ग्रामीण फार्मासिस्टम को जनवरी 2019 में नियुक्ति पत्र देकर फार्मेसी अफसर के पद पर नवाजा था। उस समय फार्मासिस्ट कैडर में खुशी की लहर थी लेकिन उस वक्त नए बने आफिसर को सिर्फ नौ हजार रुपए महीना वेतन दिया जा रहा था, लेकिन ढाई साल बीत जाने के बाद भी इनकी सैलरी सिर्फ 11 हजार तक पहुंची है, जिससे फार्मेसी अफसरों को ड्यूटी में आने जाने के लिए पेट्रोल का खर्च बच्चों की स्कूल फीस भी पूरी नहीं होती। सरकार को बार-बार निवेदन करने के बाद ही फार्मेसी अफसरों की सैलरी योग्यता मुताबिक नहीं बढ़ाई जा रही। सरकार के समय बिताने वाले रवैये से मजबूर होकर रूरल फार्मेसी ऑफिसर एसोसिएशन ने फैसला किया है कि अगर सरकार 30 मई 2021 तक उनको बराबर काम बराबर तनख्वाह के आधार पर पक्के फार्मेसी आफिसर जितनी तनख्वाह नहीं देती तो वह सरकार की तरफ से दिया गया पद वापस करेंगे और सरकार के खिलाफ तीखा संघर्ष शुरू करेंगे।

एनएचएम कर्मियों ने कामकाज ठप रखकर की हड़ताल संवाद सहयोगी, अबोहर : सरकार की ओर से स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांगें न माने जाने के विरोध में नेशनल मिशन के तहत कार्यरत कर्मियों ने वीरवार को हड़ताल करते हुए कामकाज ठप्प रखा। हड़ताल के कारण वैक्सीन व सैंपलिग का कार्य भी प्रभावित हुआ।

नेशनल हेल्थ मिशन की ब्लाक प्रधान प्रवीण, राजेश कुमार ने बताया कि एनएचएम कर्मचारी 12-12 वर्षों से ठेके पर कार्य कर रहे है, लेकिन उनको पक्का नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने उनकी दो मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन उसे भी पूरा नहीं किया गया, क्योंकि उन्हें हर वर्ष छह प्रतिशत का इंक्रीमेंट मिलता है जिसे उन्होनें 15 प्रतिशत तक करने की मांग की थी, जिस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह 15 प्रतिशत केवल एक वर्ष ही किया जाएगा। इसके अलावा नई भर्ती में भी उन्हें मात्र 50 प्रतिशत कोटा देने की बात स्वास्थ्य मंत्री ने की है, जोकि उन्हें मंजूर नहीं है। इसी के विरोध में उन्हें फिर से धरना लगाने को मजबूर होना पड़ा। इस मौके पर एएनएम राजिद्र कौर, प्रवीण कौर, मीनू रानी, डिपल, राज सिंह, विपन कुमार, लखविदर कौर, राजेश कुमार, बलविदर सिंह, बलविदर कौर, डा. राजदीप कौर, डा. श्वेता शर्मा व डा. विशु शर्मा मौजूद थे।

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