अचार के कारोबार से महिलाओं को दिलाया रोजगार

महिलाओ में काम करने का जज्बा हो तो घर में सुरक्षित रहकर भी पुरूषों से ज्यादा कमाया जा सकता है। ऐसा कहना है कि शहर के कांशी नगरी की गली नंबर दो में रहने वाली 60 वर्षीय अनिता सीकरी का।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 10:36 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 10:36 PM (IST)
अचार के कारोबार से महिलाओं को दिलाया रोजगार
अचार के कारोबार से महिलाओं को दिलाया रोजगार

तरुण जैन, फिरोजपुर : महिलाओ में काम करने का जज्बा हो तो घर में सुरक्षित रहकर भी पुरूषों से ज्यादा कमाया जा सकता है। ऐसा कहना है कि शहर के कांशी नगरी की गली नंबर दो में रहने वाली 60 वर्षीय अनिता सीकरी का। गै्रजुएट अनिता को जब व्यापार का कोई साधन न मिला तो उसने अपने घर में मशरूम की खेती शुरू की। इसके अलावा उसने आम, गाजर, करेला, नींबू, बेला, लहसुन सहित अन्य अचार बनाने के अलावा आम, ईमली, अमरूद की चटनी का कार्य शुरू किया।

अनिता अपने घर में अचार-मुरब्बा व विभिन्न तरह की चटनियां बनाती है और लोग उनके घर से ही यह सामान ले जाते हैं। यह कार्य उसने अपनी नंनद अंजू आनंद से सोलन में सीखा था। उसके बाद जब उसने फिरोजपुर में कार्य शुरू किया तो लोगो ने उसे काफी ज्यादा प्रोत्साहित किया। अब अनिता करीब 15 महिलाओं को उनके पैरों पर खड़ा कर उन्हें भी इस तरह रोजगार के साधन मुहैया करवा चुकी है।

अनिता बताती हैं कि महिलाएं जब घर में सुरक्षित रहकर रोजगार करने का यह बढि़या साधन है। उनके साथ विभिन्न किट्टी महिलाएं भी जुड़ी हुई है और उनका सामान देश के विभिन्न हिस्सों में भी लोगो द्वारा आर्डर पर मंगवाया जाता है।

अनिता सीकरी ने कहा कि नारी एक शक्ति का रूप है और वह हर मुश्किल घड़ी का सरलता से सामना कर सकती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को घरों में सेल्फ हैल्प ग्रुप शुरू करने चाहिए और ऐसा करके ही स्वच्छ खाद्य पदार्थ लोगों तक पहुंचाए जा सकते है और रोजगार के साधन मुहैया हो सकते है।

पोस्ट ग्रेजुएट पति भी काम में बंटाते हैं हाथ

अनिता के पोस्ट ग्रेजुएट पति जतिदर सीकरी भी उनके इस कार्य में हाथ बंटाते है और उन्होंने घर के दो कमरों में मशरूम की खेती कर रखी है। उन्होंने कहा कि एक महिला यह कार्य शुरू करके मासिक 15 से 20 हजार रुपये कमा सकती है।

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