अज्ञात पर पर्चा दर्ज कर पहचान साबित करने में नाकाम साबित हो रही पुलिस

हाई-प्रोफाइल मामलों में जिला पुलिस द्वारा मात्र अज्ञात लोगो पर पर्चा दर्ज कर अपनी जिम्मेदारी निभाई जा रही है जबकि अज्ञात कौन है उनकी पहचान करने में पुलिस के हाथ खाली ही रहते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 10:52 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 10:52 PM (IST)
अज्ञात पर पर्चा दर्ज कर पहचान साबित करने में नाकाम साबित हो रही पुलिस
अज्ञात पर पर्चा दर्ज कर पहचान साबित करने में नाकाम साबित हो रही पुलिस

तरूण जैन, फिरोजपुर : हाई-प्रोफाइल मामलों में जिला पुलिस द्वारा मात्र अज्ञात लोगो पर पर्चा दर्ज कर अपनी जिम्मेदारी निभाई जा रही है, जबकि अज्ञात कौन है, उनकी पहचान करने में पुलिस के हाथ खाली ही रहते हैं। छह मई को मुदकी नगर पंचायत का चुनाव करवाने गए उपमंडल अधिकारी को घेर उनकी सरकारी ड्यूटी में विघ्न डालने वालों को भी पुलिस ने अज्ञात बताकर पर्चा दर्ज करने के बाद उनकी पहचान नहीं कर पाई है। ऐसी स्थिति में आम आदमी के लिए न्याय पाना मुश्किल हो गया है कि जब उच्च स्तरीय प्रशासनिक अधिकारी ही सुरक्षित नहीं तो आम नागरिकों को इंसाफ दिलवाने में पुलिस कैसे सहायक होगी। पुलिस की ओर से अभी एसडीएम से सीडी मिलने का इंतजार किया जा रहा है ताकि उसमें से प्रदर्शनकारियों की पहचान हो सके।

अकाली दल के पूर्व विधायक जोगिदर सिंह जिदू ने धरना लगाकर कोविड-19 गाइडलाइन तोड़ने और एसडीएम को घेरने वालों की फोटो के साथ नाम दिए जा रहे हैं, जबकि पुलिस मात्र कार्रवाई का आश्वासन दे रही है।

कांग्रेसियो ने घेरा था एसडीएम को : बराड़

मार्केट कमेटी के पूर्व चैयरमेन सुखविदर सिंह काका बराड़ ने कहा कि धरना लगाने वाले दुकानदार या किसान नहीं बल्कि कांग्रेसी थे। वह चुनाव रद करवाना चाहते थे। जिन लोगों ने एसडीएम को घेरा है, उनके नाम उजागर होकर पर्चा दर्ज होना चाहिए।

-एसडीएम सीडी देंगे तो पहचान होगी : डीएसपी

डीएसपी सब-डिवीजन सतनाम सिंह ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया की पूरी वीडियो रिकार्डिंग हुई थी और उनकी सीडी एसडीएम के पास है। एसडीएम से सीडी मिलने के बाद ही घेरने वालो की पहचान कर पर्चे में नाम दर्ज किया जाएगा। पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है। अकाली दल द्वारा जो नाम व फोटो वायरल किए जा रहे हैं, उस पर पुलिस विश्वास नहीं कर सकती। वकील पर हमलावरों का भी नहीं लगा पता

भाजपा युवा मोर्चा पंजाब के आइटी इंचार्ज एडवोकेट अविनाश गुप्ता पर 26 सितंबर 2020 को हथियारो से लैस युवाओं ने हमला किया था। पुलिस द्वारा तब भी अज्ञात पर पर्चा दर्ज कर कार्रवाई पूरी कर ली थी। अविनाश गुप्ता का आरोप है कि जांच अधिकारी द्वारा उनकी बात सुनने के बजाय टालमटोल ही करते रहे। 2018 में भी हुआ था भाजपा के पूर्व मंडल प्रधान पर हमला

वर्ष 2018 में भाजपा के पूर्व मंडल प्रधान गोबिद राम पर शहर में हमलावरों द्वारा दिनदहाड़े तेजधार हथियारों से हमला किया गया और उनकी हाथ की उंगुली भी कट गई। आज तक पुलिस उन पर हमला करने वालों का सुराग लगाने में नाकाम साबित हुई है। राम गोपाल मामले में पुलिस के हाथ खाली

वाई प्लस सिक्योरिटी प्राप्त संघ प्रचारक राम गोपाल पर 13 अप्रैल 2021 को जानलेवा हमला करने वाले हमलावरों की पहचान करने में भी पुलिस नाकाम साबित हुई है। हिंदू संगठनों द्वारा हमलावरों की वीडियो व फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल करने के अलावा पुलिस अधिकारियों को भेजने तथा राम गोपाल द्वारा पुलिस को अपने बयान भेजने के बावजूद पुलिस द्वारा आरोपितों को नहीं पकड़ा गया। पुलिस हर मामले की जांच करती : एसपी

एसपी आप्रेशन गुरमीत सिंह चीमा ने कहा कि पुलिस हर मामले की गहनता से जांच करती है। पुलिस द्वारा ही कानून व्यवस्था को बनाए रखने में अहम योगदान अदा किया जाता है। लोगों को इंसाफ दिलवाना ही पुलिस का मुख्य कार्य है।

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