डाक्टरों की हड़ताल बढ़ा रही मरीजों का दर्द

24 दिन से हड़ताल पर चल रहे सरकारी अस्पतालों के डाक्टरों के कारण मरीजों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 11:10 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 11:10 PM (IST)
डाक्टरों की हड़ताल बढ़ा रही मरीजों का दर्द
डाक्टरों की हड़ताल बढ़ा रही मरीजों का दर्द

संवाद सूत्र, फिरोजपुर : 24 दिन से हड़ताल पर चल रहे सरकारी अस्पतालों के डाक्टरों के कारण मरीजों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। हड़ताल के कारण ओपीडी बंद रहने से अब मरीज भी अस्पतालों का रुख करने लगे हैं।

मंगलवार के दिन सरकारी अस्पताल फिरोजपुर में आई गांव शूशक निवासी शीला रानी ने कहा कि पेट में दर्द होने के कारण वे इलाज के लिए आई थी, लेकिन डाक्टरों के बिना कोई इलाज नहीं हो रहा और पर्ची तक नही काटी जा रही, निजी अस्पताल से महंगा इलाज व करवा नहीं सकती ।

वहीं अदित्य ने कहा कि वह आंखों का इलाज करवाने के लिए आया है, लेकिन डाक्टर नही है और निजी अस्पताल की पांच सौ की फीस वे दे नही सकता।

उधर पीसीएमएस एसोसिएशन के अध्यक्ष जतिद्र कौछड़ ने कहा कि सरकार ने एनपीए जो पहले 25 फीसद था, उसे छठे वेतन आयोग में 20 फीसद कर दिया है और इसको मूल वेतन से डीलिक कर दिया है। अगर सरकार उनकी मांगों को जल्द नहीं मानती तो मजबूर होकर हड़ताल को आगे भी जारी रखेंगे।

एसडीएम व तहसील कर्मी रहे हड़ताल पर, कामकाज ठप संस, अबोहर : प्रांतीय कमेटी के आह्वान पर एसडीएम कार्यालय व तहसील के कर्मी बुधवार को हड़ताल पर रहे, जिस कारण दोनों कार्यालयों का कामकाज पूरी तरह से ठप रहा ।

इस दौरान एसडीएम व तहसीलदार कार्यालय में काम करवाने आए लोगों को निराश लौटना पड़ा। कर्मचारियों ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की मांगे को मानने में टाल मटोल की नीति अपना रही है जिस कारण कर्मचारियों में रोष पाया जा रहा है। उधर, एसडीएम कार्यालय में काम करवाने पहुंचे लोगों ने कहा कि जहां जाते है वहां हड़ताल ही चल रही है। सरकार को या तो कर्मचारियों को मांगों को पूरा करना चाहिए या फिर लोगों की हो रही परेशानी का हल करना चाहिए।

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