ब्लड बैंक में नहीं थैलेसीमिया पीड़ितों को नहीं रक्त की कमी

सिविल अस्पताल फिरोजपुर में बेशक कई कमियां हों लेकिन ब्लड बैंक में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए खून की कमी नहीं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 04:37 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 04:37 PM (IST)
ब्लड बैंक में नहीं थैलेसीमिया पीड़ितों को नहीं रक्त की कमी
ब्लड बैंक में नहीं थैलेसीमिया पीड़ितों को नहीं रक्त की कमी

जतिंद्र पिकल, फिरोजपुर : सिविल अस्पताल फिरोजपुर में बेशक कई कमियां हों, लेकिन ब्लड बैंक में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए खून की कमी नहीं। वर्तमान समय में अस्पताल में 15 थैलेसीमिक बच्चे रजिस्टर्ड हैं। कुछ बच्चे को एक माह तो कुछ को दो माह बाद खून की जरूरत होती है। दो ऐसे बच्चे भी है जिन्हें कभी कभार एक माह में दो बार भी खून की जरूरत पड़ती है। कोरोना संक्रमण में रक्तदानियों की कमी के बावजूद थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की कमी नहीं है।

यहां थैलेसिमिया पीड़ितों के लिए रक्त रजर्व रखा जाता है। मौजूदा समय में कोरोना के चलते न रक्तदान कैंपों का आयोजन नहीं हो रहा, वहीं कोरोना से बचाव के लिए लगने वाली वैक्सीन कारण भी अधिकतर लोग जागरूकता की कमी से रक्तदान नहीं कर पा रहे है। ब्लड ट्रांसफ्यूजन अधिकारी (बीटीओ) डा. दिशविन बाजवा ने बताया कि भले ही मौजूदा समय में ब्लड बैंक में 50 यूनिट से भी कम रक्त बचा है लेकिन इसके बावजूद वैक्सीनेशन करवाने वाले को भी वैक्सीन लगवाने से पहले रक्तदान करने की अपील की जा रही है, जबकि इसके अलावा रक्तदानी संस्थाओं के सहयोग व अन्य रक्तदान कक्रने वालों के नंबर भी उनके पास है। उन्होंने बताया कि नैगेटिव ग्रुप की अक्सर कमी रहती है लेकिन इसके बावजूद उनकी टीम नैगेटिव ग्रुप को स्टोर करके रख लेती है ताकि किसी भी इमरजेंसी में उस खून से किसी की जान बचाई जा सके।

उन्होंने बताया कि थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के अभिभावकों को भी उन्होंने अपने नंबर दिए हुए है ताकि आने से पहले डोनर को फोन करके बुला लिया जाए। डा. बाजवा ने बताया कि अभी हाल ही में उन्होंने अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारियों से बात करके आर्मी में रक्तदान कैंप लगवाने के लिए अप्रोच की है ताकि रक्त की कमी को और सही तरीके से पूरा किया जा सके।

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