पुरानी किताबें इकट्ठा कर फैला रहे शिक्षा का उजियारा
बुक बैंक की ओर से पुरानी किताबें इकट्ठी कर जरूरतमंद बच्चों को शिक्षित करने व पर्यावरण को बचाने के लिए की चलाई जा रही मुहिम में शहर के लोग भी आगे आने लगे हैं।
जतिंद्र पिकल, फिरोजपुर : बुक बैंक की ओर से पुरानी किताबें इकट्ठी कर जरूरतमंद बच्चों को शिक्षित करने व पर्यावरण को बचाने के लिए की चलाई जा रही मुहिम में शहर के लोग भी आगे आने लगे हैं। शहर निवासी एसएस सोढ़ी ने बच्चों से पुरानी किताबें खरीद बुक बैंक के इंचार्ज सुरज मेहता को जरूरतमंद बच्चों के लिए भेंट की है।
बुक बैंक के इंचार्ज सूरज मेहता ने बताया कि बुधवार को दो युवा पुरानी किताबों को किसी बुक स्टाल पर बेचने के लिए आए, लेकिन बुक स्टाल वाले ने उन्हें इसलिए लेने से मना कर दिया कि किताबें पुरानी हो चुकी थी। इसके बाद उक्त बच्चे पुरानी किताबों को रद्दी की दुकान पर बेचने के लिए चले गए, जब उन्होंने किताबों का वजन करवाया तो महज 225 रुपये देने की बात हुई। वहां पहले से मौजूद शहरवासी एसएस सोढ़ी ने उन बच्चों से वह किताबें 300 रुपये में खरीदकर बुक बैंक में भेंट की है।
उन्होंने बताया कि एसएस सोढ़ी की तरफ से सीबीएससी की दसवीं कक्षा की किताबों को सेट भेंट किया गया है, जिसकी कीमत करीब तीन हजार रुपये है। इसके अलावा सोढ़ी की तरफ से कुछ ऐसी किताबें भी दी गई है जिनमें से एक किताब का मूल्य करीब 500 रुपये से भी अधिक है। किताबें भेंट कर पर्यावरण बचाने का प्रयास करें लोग : मेहता
बुक बैंक के इंचार्ज सूरज मेहता व चेयरमैन संदीप गुलाटी ने एएस सोढ़ी व दैनिक जागरण समाचार पत्र का आभार व्यक्त करते हए कहा कि ऐसी खबरों को जागरण की तरफ से मुख्य तौर पर प्रकाशित करने के कारण ही लोग बुक बैंक की मुहिम से जुड़ रहे हैं। यदि लोग इस अभियान से जुड़कर खुद ही पुरानी किताबों को एक दूसरे को भेंट करेंगे तो पर्यावरण बचाने में यह छोटा सा प्रयास ही एक मील पत्थर साबित होगा।