तीसरे नवरात्र मंदिरों में किए मां दुर्गा स्तुति के पाठ

चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन शहर व छावनी के विभिन्न मंदिरों में मां चंद्रघंटा की पूजा की गई। सनातन धर्म मंदिर बस्ती टैंका वाली मंदिर देवीद्वार शीतला मंदिर मंदिर श्री कृष्ण द्वार में संकीर्तन का आयोजन किया गया जिसमें महिलाओं ने दुर्गा स्तुति का पाठ किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 09:51 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 09:51 PM (IST)
तीसरे नवरात्र मंदिरों में किए मां दुर्गा स्तुति के पाठ
तीसरे नवरात्र मंदिरों में किए मां दुर्गा स्तुति के पाठ

संवाद सहयोगी, फिरोजपुर : चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन शहर व छावनी के विभिन्न मंदिरों में मां चंद्रघंटा की पूजा की गई। सनातन धर्म मंदिर बस्ती टैंका वाली, मंदिर देवीद्वार, शीतला मंदिर, मंदिर श्री कृष्ण द्वार में संकीर्तन का आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं ने दुर्गा स्तुति का पाठ किया।

सनातन धर्म मंदिर बस्ती टैंका वाली के पुजारी पंडित सतीश पांडे ने बताया कि दुर्गा मां के चौथे स्वरूप देवी कुष्माण्डा की पूजा अर्चना से सभी रोग-क्लेश दूर हो जाते हैं, आयु, यश, बल और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है. इस दिन साधक का चित्त अनाहत चक्र में प्रविष्ट होता है। इसलिए इस दिन शुद्ध और शांत मन से मां के इस स्वरूप को ध्यान में रखकर अराधना करनी चाहिए। कहते हैं जब सृष्टि की रचना नहीं हुई थी, सर्वत्र अंधकार ही अंधकार व्याप्त था तो अपनी हल्की हंसी से ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इनका नाम कुष्मांडा पड़ा। मान्यता है कि जो साधक परम श्रद्धा और भावना से इस देवी की भलीभांति आराधना करता है, उसका व्यक्तित्व सूर्य के समान प्रखर और तेजमयी हो जाता है। उसे सर्वत्र प्रसिद्धि मिलती है, हर प्रकार के भय का नाश हो जाता है। ऐसे करें मां कुष्मांडा का पूजन

पंडित सतीश पांडे हरे कपड़े पहनकर मां कुष्मांडा का पूजन करें । पूजन के दौरान मां को हरी इलाइची, सौंफ और कुम्हड़ा अर्पित करें। इसके बाद उनके मुख्य मंत्र ''ऊं कुष्मांडा देव्यै नम:'' का 108 बार जाप करें, चाहें तो सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं। ज्योतिष के जानकारों की मानें तो मां को उनका उनका प्रिय भोग अर्पित करने से मां कुष्मांडा बहुत प्रसन्न होती हैं। मां कुष्मांडा को मालपुए का भोग लगाएं, इसके बाद प्रसाद को किसी ब्राह्मण को दान कर दें और खुद भी खाएं।

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