कैंट बोर्ड को माडर्न बनाना चुनौती, कमियों की जा रहीं दूर: जायसवाल
इंडियन डिफेंस एस्टेट सर्विस की डिग्री लेकर नागपुर बनारस इलाहाबाद फिर पठानकोट में सेवाएं देने के बाद फिरोजपुर कंटोनमेंट बोर्ड की सीईओ बनी प्रोमिला जयसवाल का कहना है कि फिरोजपुर कैंट एरिया एक माडर्न सिटी बनाना उनका लक्ष्य है। दैनिक जागरण से बात करते हुए जयसवाल ने अपने इरादे और अनुभव सांझा किए।
अशोक शर्मा, फिरोजपुर : इंडियन डिफेंस एस्टेट सर्विस की डिग्री लेकर नागपुर, बनारस, इलाहाबाद फिर पठानकोट में सेवाएं देने के बाद फिरोजपुर कंटोनमेंट बोर्ड की सीईओ बनी प्रोमिला जयसवाल का कहना है कि फिरोजपुर कैंट एरिया एक माडर्न सिटी बनाना उनका लक्ष्य है। दैनिक जागरण से बात करते हुए जयसवाल ने अपने इरादे और अनुभव सांझा किए। सवाल: बतौर सीईओ फिरोजपुर कैंट में आपको किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
पद संभालने के बाद ही मुश्किलों का सामना करना पड़ा। सुविधाएं कम और चुनौतियां ज्यादा थी। आजादी के बाद भी इस इलाके में उस तरह का विकास नहीं हुआ, जो होना चाहिए था। अवैध कब्जे, पुरानी वाटर सप्लाई लाइन, सीवरेज की जाम होती व्यवस्था को ठीक करना सबसे बड़ी चुनौती थी।
सवाल: जो चुनौतियां मिली उनसे निपटने के लिए क्या व्यवस्था की और अभी तक उस दिशा में प्रयास कितने सफल रहे ?
चुनौतियां ही तो थी। कैंट बोर्ड के पास विकास के नाम पर पैसा खर्च करने को नहीं था। पहले केंद्र से 70 लाख और बाद में 3.50 करोड़ रुपए की ग्रांट हासिल की। इलाके में नई सीवरेज व्यवस्था के लिए आधुनिक मशीनें खरीदी। सीवरेज लाइन अंडरग्राउंड की। वाटर सप्लाई की लाइनों की सफाई करवाई। बाजारों में अवैध कब्जे हटवाए। बाजार खुले हुए। पहले से काफी बदलाव हुआ।
सवाल : कैंट बोर्ड इलाके को लेकर आगे की क्या योजना है, अभी तक किस हद तक सफल रही, क्या कमियां महसूस करती हैं
कैंट बोर्ड की माडर्न सिटी की तरह डवलपमेंट करना चाहती हूं। कोरोना काल से सबक लिया है? स्टूडेंट को आनलाइन पढ़ाई में दिक्कत न हो। इसलिए कैंट इलाके में मोबाइल टावर लगवाए। बस स्टैंड का विकास किया जाएगा। इसके अलावा अस्पताल में एक्सरे प्लांट, फिजियोथेरेपी सेंटर शुरू किया जा रहा है। और भी कई योजनाएं हैं जिन पर काम होना है।
सवाल: महिला सशक्तिकरण के लिए क्या प्रयास है और महिलाओं को अभी भी किस जगह पाती है?
महिलाओं को आत्म निर्भर करने के लिए कैंट इलाके में स्किल सेंटर खोला है। पति कस्टम में एडिशनल कमिश्नर है इस लिए उनको तो पूरा सहयोग मिला है लेकिन चाहती हूं दूसरी महिलाओं को भी परिवार में प्रोत्साहन मिले। जहां तक होता है वे महिलाओं की सहायता भी करती हैं। लड़कियों की पढ़ाई में भी सहयोग करती हैं।