सेहतमंत्री ने एक सप्ताह का मांगा समय, अभी मरीजों झेलनी होगी परेशानी
धरना-प्रदर्शन करने के लिए मोहाली में एकत्र हुए प्रदेश के हड़ताली डाक्टर सेहतमंत्री के आश्वासन पर वापस अपने-अपने जिलों में लौट आए हैं
जागरण संवाददाता, फरीदकोट
प्रदेश सरकार द्वारा डाक्टरों के एनपीए में की गई कटौती के फैसले को वापस लिए जाने की मांग को लेकर शुक्रवार को चंडीगढ़ में धरना-प्रदर्शन करने के लिए मोहाली में एकत्र हुए प्रदेश भर के हड़ताली डाक्टर सेहतमंत्री के आश्वासन पर वापस अपने-अपने जिलों में लौट आए हैं।
हड़ताली डाक्टरों के अनुसार मोहाली सिविल अस्पताल से वह लोग रोष-मार्च की शक्ल में चंडीगढ़ जाने को तैयार थे कि उसके पहले पंजाब सरकार के सेहतमंत्री आ कर उन लोगों से मिले और उन लोगों को आश्वासन दिया कि वह मुख्यमंत्री व वित्तमंत्री से वार्ता कर एनपीए में की गई कटौती को वापस लेने की बात करेंगे। इसके लिए
डाक्टर्स उन्हें शुक्रवार तक का कम से कम समय दें, यदि वह डाक्टरों की मांग पूरी नहीं करवा पाते है तो वह खुद भी डाक्टरों के साथ हड़ताल का हिस्सा होगें।
पीसीएमएस के प्रदेश उपाध्यक्ष व फरीदकोट सिविल अस्पताल के एसएमओ डा. चंद्रशेखर कक्कड़ ने बताया कि सेहतमंत्री ब्रहम मोहिद्रा के आश्वास व भरोसे वह लोग चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास के समक्ष लगाए जाने वाले धरने को स्थगित कर वापस आ रहे हैं, परंतु उन लोगों की हड़ताल पूर्व की भांति जारी रहेगी। प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों के डाक्टर्स तब तक काम पर नहीं लौटेंगे, जब तक कि उनकी मांगों मानते हुए प्रदेश सरकार एनपीए में की गई कटौती का फैसला वापस नहीं लेती है। अगले शुक्रवार तक अस्पतालों में पूर्व की भांति डाक्टरों की हड़ताल जारी रहेगी। जनहित में सरकार लें जल्द फैसला : बांसल
समाजसेवी महेन्द्र पाल बांसल ने कहा कि सरकार और डाक्टरों के बीच आम जनता पिस रही है, महीने भर से ज्यादा का समय हो गया, सरकार डाक्टरों की मांग नहीं मान रही है, हर बार सेहत मंत्री डाक्टरों को आश्वासन देते है और डाक्टर उनके आश्वासन को मानते तो है, परंतु हड़ताल नहीं खत्म कर रहे है। यहीं नहीं प्रदेश सरकार भी हड़ताली डाक्टरों की हड़ताल खत्म करवाने की दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं कर रही है, सरकार को सोचना होगा कि जो वह जनता को सेहत सुविधाएं देने का दावा कर रही है, उसकी जमीनी हकीकत लगभग सवा महीने से डाक्टरों की हड़ताल से जूझ रही आम जनता है, न तो अस्पतालों में लोगों का इलाज हो रहा है और नहीं दूसरी सुविधाएं मिल रही है।