23वें दिन भी हड़ताल पर रहे सरकारी डाक्टर

23 दिन से हड़ताल पर चल रहे सरकारी अस्पतालों के डाक्टरों की वजह से मरीजों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 10:24 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 10:24 PM (IST)
23वें दिन भी हड़ताल पर रहे सरकारी डाक्टर
23वें दिन भी हड़ताल पर रहे सरकारी डाक्टर

संवाद सूत्र, फिरोजपुर: 23 दिन से हड़ताल पर चल रहे सरकारी अस्पतालों के डाक्टरों की वजह से मरीजों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। हालात यह बनते जा रहे हैं कि फिरोजपुर के मुख्य अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीज मजबूरन निजी अस्पतालों का रुख करने लगे हैं।

पिछले कई दिनों से सेहत जांच करवाए बगैर अस्पताल से वापस लौट रहे मरीज सरकार के साथ अब डाक्टरों को कोसने लगे हैं। मरीजों का कहना है कि सरकारी डाक्टर लाखों रुपये वेतन लेने के बाद भी इतने में संतुष्ट नही है और अगर उन्हें मेहनत करनी पड़े तो पता चल जाएगा। मंगलवार को अस्पताल की ओपीडी बंद रही और डाक्टरों के कमरों को भी ताला लगा था। दूसरी ओर खाली पेट टेस्ट करवाने के लिए पहुंचे मरीज डाक्टरों की हड़ताल के साथ लैब मुलाजिमों की हड़ताल के चलते बिना टेस्ट करवाए और बिना दवाई के घरों को लौटे।

गांव शूशक निवासी शीला रानी ने कहा कि पेट में दर्द होने के कारण वे इलाज के लिए आई थी, लेकिन डाक्टरों के बिना कोई इलाज नहीं हो रहा। पर्ची तक नहीं काटी जा रही, निजी अस्पताल से महंगा इलाज करवा नहीं सकती। वहीं आदित्य ने कहा कि उसकी आंखों में दिक्कत आ चुकी है। इलाज करवाने के लिए आया है, लेकिन डाक्टर नहीं है और निजी अस्पताल की पांच सौ की फीस वे दे नही सकता।

उधर, पीसीएमएस एसोसिएशन के अध्यक्ष जतिद्र कौछड़ ने कहा कि सरकार ने उनसे बेइंसाफी की है और एनपीए जो पहले 25 फीसद था अब छठे पे कमिशन में 20 फीसद कर दिया है और इसको मूल वेतन से डीलिक कर दिया है जिससे हमें पेंशन में भारी नुकसान होगा । अगर सरकार उनकी मांगों को जल्द नही मानती तो हम मजबूर होकर हड़ताल को आगे भी जारी रखेंगे ।

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