डीसी दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे किसान

लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों को इंसाफ दिलवाने व बारिश से बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चे के अह्वान पर फिरोजपुर की किसान जत्थेबंदियों ने मंगलवार को डिप्टी कमिश्नर दफ्तर के समक्ष धरना दिया

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 09:45 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 09:45 PM (IST)
डीसी दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे किसान
डीसी दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे किसान

संस, फिरोजपुर : लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों को इंसाफ दिलवाने व बारिश से बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चे के अह्वान पर फिरोजपुर की किसान जत्थेबंदियों ने मंगलवार को डिप्टी कमिश्नर दफ्तर के समक्ष धरना दिया, जिसमें क्रातिकारी किसान यूनियन पंजाब बीकेयू एकता, सिधुपुर, डकौदा आदि के नेताओं ने हिस्सा लिया।

इस दौरान किसानों ने डिप्टी कमिश्नर फिरोजपुर को राष्ट्रपति के नाम पर मागपत्र भी सौंपा। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पंजाब सरकार से बीते दिन हुई बरसात एवं ओलावृष्टि के कारण किसानों की खराब हुई फसल का मुद्दा उठाते हुए पंजाब सरकार से माग की कि किसानों को इसका मुआवजा दिया जाए और प्रदेश में कोआप्रेटिव सोसायटीयों में किसानों को पेश आ रही खाद की कमी को पूरा किया जाए, ताकि किसानों को परेशानी से निजात मिल सके। इस मौके पर गुरमीत सिंह महिमा, अवतार सिंह महिमा, शुभकर्मनदीप सिंह दिलाराम, सुरजीत कुमार बजीदपुर, गुरसेवक सिंह खवाजा खड़क, जगरुप सिंह, गुरमीत सिंह, गुरणवंत सिंह, बलवीर सिंह झोक, हरनेक सिंह महिमा, जगसीर सिंह, परमजीत सिंह, गुरविंद्र सिंह खहरा, जसविंद्र सिंह साईयावाला, कोमल सिंह, हरपाल सिंह आदि मौजूद थे।

लखीमपुर घटना के विरोध में सौंपा ज्ञापन संवाद सूत्र, जलालाबाद : संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर लखीमपुर खीरी में हुई घटना के विरोध में राष्ट्रपति के नाम पर जलालाबाद के तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया। इस मौके यूनियन के नेताओं ने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना को तीन सप्ताह से अधिक समय बीत गया है, लेकिन अभी तक केवल जांच का सिलसिला ही जारी है, जिस कारण किसानों व देश में गुस्सा बढ़ता जा रहा है।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस हिरासत में बंद आरोपित वीआइपी तरीके के साथ रह रहे हैं। उन्होंने यूपी पुलिस प्रशासन से मांग की कि उक्त मामले की जांच तेजी के साथ आगे बढ़ाई जाए और सभी आरोपितों को गिरफ्तार करके कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार बातचीत करने के लिए दरवाजे खुले होने की बात कह रही है, दूसरी तरफ यह कहा जा रहा है कि अगर किसानों को बात करनी है तो वह कृषि कानूनों को रद्द करने की हठ छोड़ दें। उन्होंने कहा कि किसान पिछले एक साल से गर्मी सर्दी झेल रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार उन पर कोई ध्यान नहीं दे रही। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार जल्द अपनी हठ छोड़कर इन कानूनों को रद्द करे। इस मौके सीनियर नेता मनदीप सिंह, डा. सुखचैन सिंह, महिद्र सिंह प्रधान अरनीवाला, सुरजीत सिंह, अमृतपाल सिंह, मेहर सिंह, सरदुल सिंह, गुरप्यार सिंह, गुरविंदर सिंह आदि उपस्थित थे।

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