क्लेरिकल गलती का खामियाजा भुगत रहे शिक्षा सर्विसेज अफसर

पे कमिशन की लागू करते समय हुई क्लेरिकल गलती का खामियाजा एजकेशन अफसरों के झेलना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 04 Oct 2021 03:19 PM (IST) Updated:Mon, 04 Oct 2021 06:52 PM (IST)
क्लेरिकल गलती का खामियाजा भुगत रहे शिक्षा सर्विसेज अफसर
क्लेरिकल गलती का खामियाजा भुगत रहे शिक्षा सर्विसेज अफसर

जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : पे कमिशन की लागू करते समय हुई क्लेरिकल गलती का खामियाजा एजुकेशन सर्विसेज आफिसर्स भुगत रहे हैं। पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने दावा किया कि पंजाब सरकार अपने मुलाजिमों को सभी प्रदेशों से अधिक वेतन देने वाला प्रदेश है। जबकि एजुकेशन सर्विसेज आफिसर्स के साथ इसके विपरित है। पंजाब में अन्य राज्यों के मुकाबले एजुकेशन सर्विसेज आफिसर्स का वेतन कम है।

वित्त मंत्री के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्त एक्शन समिति पंजाब एजुकेशन सर्विस आफिस, प्रिंसिपल और हेडमास्टर्स के कनवीनर सुखविदर सिंह, दीपइंदरपाल सिंह, तोता सिंह, शंकर चौधरी, कटारिया कुलविदर और जसविदर सिंह भुल्लर ने बताया कि पंजाब के प्रिंसिपल और मुख्य अध्यापक केंद्र और अन्य कई प्रदेश यहां तक कि बिहार और यूपी की अपेक्षा भी कम वेतन ले रहे हैं।

इस संबंध में वे मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव को पत्र लिख कर मीटिग के लिए समय देने की मांग कर चुके हैं, परंतु किसी के पास भी उनकी बात सुनने का समय नहीं है। पंजाब शिक्षा क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर करवाए परफार्मेस ग्रेडिंग इंडेक्स सर्वे में पूरे भारत में पहले स्थान पर रहा। इसको लेकर जहां पंजाब सरकार की तरफ से जश्न मनाए जा रहे हैं, वहीं शिक्षा विभाग में स्कूलों में हुए सुधारों में अहम योगदान डालने वाले पीईएस अधिकारी बेचैन नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वेतन कमिशन की तरफ से लंबी इंतजार के बाद दी रिपोर्ट में इन अधिकारियों के पे स्केल में कमी को दूर नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 10 अक्टूबर को प्रेस कांफ्रेंस करके संघर्ष की घोषणा की जाएगी।

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