डाक्टरों ने हड़ताल में किए सिजेरियन, ओपीडी रही बंद
13 दिन से हड़ताल पर चल रहे डाक्टरों के कारण बेशक मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है लेकिन शनिवार को हड़ताल के बीच गायनी की चार महिलाओं का सिजेरियन किया गया।
सुभाष आनंद, फिरोजपुर : 13 दिन से हड़ताल पर चल रहे डाक्टरों के कारण बेशक मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन शनिवार को हड़ताल के बीच गायनी की चार महिलाओं का सिजेरियन किया गया। गायनी माहिर ने चारों आपरेशन किए जिसमें दो लड़के और दो लड़कियों ने जन्म लिया । एक आपरेशन आर्थो का भी किया गया और मरीज की टांग की सर्जरी की गई ।
दूसरी ओर सेहत जांच करवाए बगैर अस्पताल से लौट रहे मरीज सरकार के साथ अब डाक्टरों पर बरसने लगे हैं। मरीजों का कहना है कि सरकारी डाक्टर लाखों रुपये वेतन लेने के बाद भी इतने में संतुष्ट नहीं है और अगर उन्हें मेहनत मजदूरी करनी पड़ी तो आटे दाल का भाव मालूम हो जाएगा। सरकारी अस्पताल में आए बग्गा सिंह व उसके साथियों ने कहा न तो डाक्टर मिल रहे है और ही दवाइयां मिल रही है। निजी अस्पतालों के खर्च ज्यादा हैं। वहीं हरबंस सिंह निवासी शेरखां ने कहा कि वह नशे में था और उसके दोनों पांवों में चूहों ने काट लिया । इलाज के लिए अस्पताल आया था और सर्जन न होने के कारण वे फरीदकोट मेडिकल कालेज भेजने की मांग कर रहा है।
उधर पीसीएमएस एसोसिएशन के अध्यक्ष जतिद्र कौछड़ ने कहा कि सरकार ने एनपीए जो पहले 25 फीसद था अब छठे वेतन आयोग में 20 फीसद कर दिया है और इसको मूल वेतन से डीलिक कर दिया है, जिससे हमें पेंशन में भाराी नुकसान होगा । अगर सरकार उनकी मांगों को जल्द नहीं मानती तो हम मजबूर होकर हड़ताल को आगे भी जारी रखेंगे ।