कोल्ड ड्रिक को नो, काढ़ा बना लोगों का पसंदीदा

देश भर में किसी के घर पर आना-जाना हो और मेहमान को कोल्ड ड्रिक न पेश की जाए ऐसा हो ही नही सकता। पंजाब में जहां कुछ साल पहले तक घरों में चाय का साम्राज्य कायम था लेकिन कोरोना से पहले तक चाय की जगह कोल्ड ड्रिक ने अपनी हुकूमत कायम कर ली थी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 09:51 PM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 09:51 PM (IST)
कोल्ड ड्रिक को नो, काढ़ा बना लोगों का पसंदीदा
कोल्ड ड्रिक को नो, काढ़ा बना लोगों का पसंदीदा

जतिन्द्र पिकल, फिरोजपुर : देश भर में किसी के घर पर आना-जाना हो और मेहमान को कोल्ड ड्रिक न पेश की जाए, ऐसा हो ही नही सकता। पंजाब में जहां कुछ साल पहले तक घरों में चाय का साम्राज्य कायम था लेकिन कोरोना से पहले तक चाय की जगह कोल्ड ड्रिक ने अपनी हुकूमत कायम कर ली थी। मौजूदा समय में कोल्ड ड्रिक को अधिकतर लोगों की तरफ से बाय-बाय कह दिया गया और फिर सफर शुरू हआ है काढ़े का। कोरोना के चलते लोग अपनी सेहत के प्रति पहले से काफी सजग होने लगे है क्योंकि हर कोई जानता है कि शरीर के अंदर की इम्यूनिटी सिस्टम यदि ताकतवर है तो कोरोना से बचा सकता है। इसी लिए लोगों को काढ़े की तरफ रुझान बढ़ना स्वाभाविक है।

सर्दी हो या गर्मी, बच्चे हों या बूढ़े, सभी कोल्ड ड्रिक के पहले दीवाने होते थे। अब कोरोना ने सारे संसार में अपनी दहशत बना ली है। इसके चलते लोगों का लाइफ स्टाइल भी बदलना शुरू हो गया है। पहले चाय, फिर कोल्ड ड्रिक और मौजूदा समय में लोग काढ़े की तरफ अधिक ध्यान करने लगे है।

25 से 35 प्रतिशत कम हुई कोल्ड ड्रिक की मांग

पिछले लंबे समय से कोल्ड ड्रिक का काम करने वाले अनेजा ट्रेडिग कपंनी के धर्मेद्र अनेजा का कहना है कि कोरोना के चलते कोल्ड ड्रिक की मांग में 25 से 30 प्रतिशत कमी देखने को मिली है। इसका मुख्य कारण यह भी है कि अभी तक पहले की तरह रेस्टोरेंट बार या अन्य ऐसे काम पूरे तौर पर नही खुल पाएं हैं। वहीं कोरोना के चलते लोग अपनी सेहत के प्रति पहले से काफी सचेत नजर आ रहे है जिसके चलते शरबत , नींबू या अन्य ऐसी चीजों को अधिक तरजीह दे रहे हैं। इनसे उन्हें लगता है कि उनकी सेहत पहले से अधिक सही रहेगी। काढ़ा व बीज बने लोगों की पहली पंसद

करियाना व पंसारी के दुकानदार सुखबीर सिंह व इंद्रजीत सिंह ने बताया कि शरबत व अन्य पेय पदारथ का चलन तो जारी ही है लेकिन लोग काढ़े व बीजों की तरफ अधिक ध्यान दे रहे है। उन्होंने बताया कि काढ़े में मुख्य रूप से बादाम, अखरोट, काजू व इलायची की अधिक मांग है। इसके साथ ही इम्युनिटी सिस्टम को कायम रखने के लिए लोग बीजों के सेवन को अधिक तरजीह दे रहे है जिनमें मुखय रूप से तिल, पंपकीन सीड, चीया सीड, अलसी सीड, रोस्टेड सीड के अलावा कंधारी सोगी (ग्रीन सोगी) की मांग अधिक होने लगी ह।

बरकरार है शरबत का चलन

पिछले लंबे समय से बेकरी का काम करने वाले केवल एंड संस के सुमीत का कहना है कि कोरोना ने लोगों का काफ लाइफ स्टाइल बदल दिया है। पहले लोग जहां कुछ भी लेना हो लेकिन कोल्ड ड्रिक को सबसे पहले लेते थे वहीं पर अब शरबत व अन्य चीजों की मांग बढ़ने लगी है जिसमें अपने स्वाद व फ्लेवर के मुताबिक लोग शरबत का चुनाव कर रहे है ताकि मेहमानों के अलावा खुद भी परिवार को कोल्ड ड्रिक की जगह पर स्वाद के मुताबिक फ्लेवर का शरबत बनाकर पिलाया जाए तो ही बेहतर है।

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