शहर भर में धूमधाम से मनाई गई श्री कृष्ण जन्माष्टमी, मंदिरों को सजाया

कोरोना महामारी की हिदायतों अनुसार शहर के विभिन्न मंदिरों में कार्यक्रम करवाया गया

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Aug 2021 10:04 PM (IST) Updated:Mon, 30 Aug 2021 10:04 PM (IST)
शहर भर में धूमधाम से मनाई गई श्री कृष्ण जन्माष्टमी, मंदिरों को सजाया
शहर भर में धूमधाम से मनाई गई श्री कृष्ण जन्माष्टमी, मंदिरों को सजाया

जागरण संवाददाता, फाजिल्का :

कोरोना महामारी की हिदायतों अनुसार शहर के विभिन्न मंदिरों में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने मंदिरों में पहुंचकर बाल रूप श्रीकृष्ण व राधा के दर्शन किए। वहीं सुरक्षा के मद्देनजर शहर के विभिन्न बाजारों में पुलिस कर्मचारियों की तैनाती की गई थी। इस दौरान मंदिर के बाहर ठंडे पानी व प्रसाद की स्टालें भी लगी हुई थी। मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए सबसे आकर्षण का केंद्र कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए गए शिव-पार्वती व श्रीकृष्ण-राधा के भजन रहे। इसके अलावा कलाकारों ने नी मैं नच के मनाना नंद लाल, अज्ज मैनू नच लैन दे और वे शामा तू है नंद गांव का, मैं वी जट्टी आ पंजाब दी से श्रद्धालु को झूमने पर मजबूर किया।

शहर के सिद्ध श्री हनुमान मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में हनुमान मंदिर में सजी श्रीकृष्ण-राधा, शिव-पार्वती, सुदामा की झांकियों ने सबकों आकर्षित किया। मंदिर कमेटी की उत्सव कमेटी के अध्यक्ष हरीश ठकराल काली ने बताया कि मंदिर को रंग बिरंगी लाइटों के साथ सजाया गया। इस दौरान मंदिर के पार्क में सजाए गए विभिन्न दरबारों के अलावा कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए गए भजन श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहे। श्री बाला जी धाम कमेटी के अध्यक्ष महाबीर प्रसाद मोदी व महासचिव नरेश जुनेजा ने बताया कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान रात 12 बजे केक काटा गया। वहीं श्री राम मंदिर कमेटी के अध्यक्ष केके कामरा ने बताया कि आठ से 12 बजे तक मंदिर में झांकियां सजाई गई। इसके बाद आरती की गई व केक काटा गया। इसके बाद आतिशबाजी भी की गई। इसके अलावा श्री गीता भवन मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया।

इस दौरान मंदिर को रंग बिरंगे फूलों व गुब्बारों के साथ सजाया गया। वहीं सिद्ध श्री दुग्र्याणा मंदिर में भी जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। कलाकारों द्वारा प्रस्तुत की गई विभिन्न देवी देवताओं की झांकियों के अलावा मंदिर में सजाया गया मां चिंतपूर्णी का दरबार श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहा।

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