परमात्मा से श्रेष्ठ प्रभु का नाम : स्वामी
आनंद व सुख की प्राप्ति के लिए ईश्वर के अस्तित्व को स्वीकार करना पड़ता है। परमात्मा को जानने और उसका चितन करने से जो दिव्य आनंद प्राप्त होता है उसके आगे भौतिक आनंद फीके पड़ जाते हैं।
संवाद सूत्र, फिरोजपुर : आनंद व सुख की प्राप्ति के लिए ईश्वर के अस्तित्व को स्वीकार करना पड़ता है। परमात्मा को जानने और उसका चितन करने से जो दिव्य आनंद प्राप्त होता है उसके आगे भौतिक आनंद फीके पड़ जाते हैं। इन प्रवचनों का बखान 1008 महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद जी महाराज ने श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन फिरोजपुर शहर के तूड़ी बाजार स्थित महावीर सनातन धर्म मंदिर में किया ।
स्वामी जी ने कहा सत्य आनंद की प्राप्ति के लिए सचिदानंद का भजन करना जरूरी है, ये अध्यात्मिक ज्ञान की खुराक है और केवल परमात्मा की दुकान पर ही प्राप्त होती है। परमात्मा का ध्यान करने के लिए उनकी मूर्ति को दिल में समाना जरूरी है। अंत परमात्मा से श्रेष्ठ परमात्मा का नाम है और ज्ञान सुनने के बाद उनपर अमल करना जरूरी है। इस मौके अशोक कक्कड़, पृथ्वी पुग्गल, प्रेम नाथ शर्मा, प्रवीण शर्मा, कमल कालिया, सुभाष झाम, राकेश मोंगा, जनक राज मोंगा इत्यादि ने कार्यक्रम के दौरान सेवा की।
रागी जत्थों ने शबद गायन से संगत को किया निहाल संवाद सहयोगी, फिरोजपुर : श्री गुरुदासपुरी अरमानपुरा (आंसल) में धन धन श्री गुरु तेग बहादुर जीके 400 साला प्रकाशोत्सव को समर्पित 17 वें जाप का आरंभ 18 फरवरी से किया गया है, जिसका समापन 28 फरवरी दिन रविवार को किया गया ।
गुरुद्वारा साहिब के मुख्य सेवादार भगत मिलखा सिंह ने बताया कि यह जाप प्रात: साढ़े चार बजे से 8 बजे तक, साढ़े नौ बजे से साढ़े 12 बजे और साढ़े तीन बजे से 8 बजे तक किया जाता रहा । उन्होंने बताया कि जाप के समापन के दिन दीवान सजाया गया और बड़ी संख्या में संगत ने हाजिरी लगवा श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के आगे शीश निवाया और प्रसाद ग्रहण किया।
इस मौके रागी जत्था भाई बलिहार सिंह ओर से शबद गायन सुना संगत को निहाल किया, जबकि कविश्री जत्था बोहड़ सिंह की ओर से गुरु साहिबानों की जीवनी पर रोशनी डाली। इस मौके पर एसजीपीसी मैंबर दर्शन सिंह ने विशेष तौर पर शिरकत की और गुरु साहिब को नमन किया।