सेहत के लिए घातक पशुओं को दिए जा रहे एंटी बायोटिक्स

पशु पालकों की ओर से झोलाछाप पशु चिकित्सक की सलाह पर पशुओं को बेतहाशा एंटी बायोटिक और दवाइयां देकर लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 10:27 PM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 10:27 PM (IST)
सेहत के लिए घातक पशुओं को दिए जा रहे एंटी बायोटिक्स
सेहत के लिए घातक पशुओं को दिए जा रहे एंटी बायोटिक्स

अशोक शर्मा, फिरोजपुर : पशु पालकों की ओर से झोलाछाप पशु चिकित्सक की सलाह पर पशुओं को बेतहाशा एंटी बायोटिक और दवाइयां देकर लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। एंटी बायोटिक्स, ओकसी पोपिन दवा देने का रुझान दिन-ब-दिन बढ़ने से पशुओं की सेहत पर बुरा असर तो पड़ ही रहा है, साथ ही ऐसे पशुओं का दूध पीने वाले की सेहत बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

हालांकि इस खतरनाक रुझान को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने हिदायतें भी जारी की हैं, परंतु पशु पालन विभाग के डाक्टर किसानों को जागरूक करने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहे। वहीं पशु पालन विभाग में वैटरनरी डाक्टर्स की 500 से ज्यादा पोस्टें खाली होने का असर पड़ रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री के आदेशों में वैटरनरी और एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी लुधियाना में पशुओं में एंटी बायोटिक की बेतहाशा इस्तेमाल पर कड़ी कार्रवाई करने के आदेश भी दिए हैं और पशु पालन विभाग के डायरेक्टर किसानों को जागरुक करने, इन दवाइयों का प्रयोग कम करने के आदेश जारी कर चुके हैं।

मावन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाली दवाइयों की तरह पशुओं की दवाइयां की बिक्री भी ड्रग्स और कोस्मैटिक रूल 1940 के अधीन आते है, जिसमें एंटी बायोटिक दवाइयों की सिफारिश सिर्फ वैटरनरी डाक्टर ही कर सकता है। उसकी पर्ची के बिना कोई मेडिकल स्टोर दवाई नहीं दे सकता, पर झोलाछाप डाक्टर और मेडिकल स्टोर वाले भी बिना पर्ची के दवाएं बेच रहे है। एंटी बायोटिक दवाओं का अधिक इस्तेमाल खतरनाक

पशु पालन विभाग के डायरेक्टर डा.हरबीन धालीवाल ने बताया कि एंटी बायोटिक दवाइयों से पशुओं की कई बीमारियां ठीक तो होती है, पर जब इसका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल हो तो पशुओं के लिए हानिकारक साबित होता है। इसी तरह पशुओं से अधिक दूध लेने के लिए लग रहा हारमोनस (अकोसी पोपिन) का टीका भी पशुओं की सेहत के लिए नुकसानदायक है। ऐसा दूध पीने से इंसान की सेहत पर भी इसका बुरा असर पड़ता है।

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