आंगनबाड़ी वर्करों ने मांगा नर्सरी टीचर का दर्जा
नर्सरी टीचर्स का पद देने की मांग को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ आल पंजाब आंगनबाड़ी मुलाजिमों ने प्रदर्शन किया और गांव कैलास में सरकार का पुतला फूंका गया।
संवाद सूत्र, तलवंडी (फिरोजपुर) : नर्सरी टीचर्स का पद देने की मांग को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ आल पंजाब आंगनबाड़ी मुलाजिमों ने प्रदर्शन किया और गांव कैलास में सरकार का पुतला फूंका गया।
यूनियन की नेताओं ने कि कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से ईी वलंटियरों को नर्सरी टीचर का दर्जा दिया गया है, जबकि आंगनबाड़ी वर्कर नर्सरी टीचर का दर्जा लेने के लिए पिछले लंबे समय से संघर्ष करती आ रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले सरकार ने आंगनबाड़ी सेंटरों के बच्चे छीन कर सरकारी प्राथमिक स्कूलों में दाखिल कर लिए और हुए समझौते अनुसार वापस नहीं किए गए और अब नर्सरी टीचर का दर्जा भी छीना जा रहा है। उन्होंने बताया कि जत्थेबंदी की तरफ से दो अक्टूबर को चंडीगढ़ में सूबा स्तरीय रैली की जा रही है। नेताओं ने मांग की कि आंगनबाड़ी सेंटरों के तीन से छह साल तक के बच्चे जो सरकार ने 2017 में छीन कर सरकारी प्राथमिक स्कूलों में भेज दिए थे, को हुए समझौते अनुसार वापस सेंटरों में भेजा जाए और वर्करों को नर्सरी टीचर का दर्जा दिया जाए, पंजाब की आंगनबाड़ी वर्करों और हेल्परों को हरियाणा पैटर्न और मानभत्ता दिया जाए। इस मौके आंगनावाड़ी वर्कर दलजीत कौर, आशा वर्कर पुष्पा रानी और गांव निवासी उपस्थित थे।
आंगनबाड़ी वर्करों ने फूंका पुतला संवाद सहयोगी, अबोहर : आंगनबाड़ी वर्करों से आंगनबाड़ी सेंटरों के बच्चे छीनने और प्री नर्सरी टीचर का दर्जा न देने के रोष स्वरूप आंगनबाड़ी वर्करों ने पंजाब सरकार का पुतला फूंक कर रोष जताया। अबोहर प्रधान गुरवंत कौर व शरणजीत कौर ने बताया कि यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष हरगोबिद कौर के दिशा निर्देशा अनुसार यह प्रदर्शन राज्य भर में 13 सितंबर से 30 सितंबर तक किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार की ओर से ईजीएस वालंटियरों को नर्सरी टीचर का दर्जा दिया गया है, जबकि आंगनबाड़ी वर्कर नर्सरी टीचर का दर्जा लेने के लिए पिछले लंबे समय से संघर्ष कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले सरकार ने उनसे आंगनबाड़ी सेंटरों के बच्चे छीनकर सरकारी प्राइमरी स्कूलों में दाखिल कर दिए और उनसे नर्सरी टीचर का दर्जा भी छीना जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि संघर्ष की लड़ी के तहत दो अक्टूबर को चंडीगढ में प्रांत स्तरीय रैली भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले साढे़ चार वर्षो में उनकी मांगों को मानने की बजाए झूठे आश्वासन दिए और अब 2022 के चुनावों में कांग्रेस के प्रत्याशियों का विरोध किया जाएगा। उन्होनें सरकार से मांग की है कि आंगनबाड़ी सेंटरों से लिए गए बच्चे वापस सेंटरों में भेजे जाएं, वर्करों को नर्सरी टीचर का दर्जा दिया जाए, हरियाणा के पैट्रन पर उन्हें भी मानभत्ता दिया जाए, एनजीओ के तहत चल रहे ब्लाकों को वापस विभाग में लाया जाए और वर्करों को स्मार्ट फोन उपलब्ध करवाए जाएं। इस मौके पर गीता देवी, हरदीप कौर, रविंद्रप्रीत कौर, किरन बाला, परमजीत कौर, हेमलता, सुमन व रेखा मौजूद थे।