आल इंडिया लोको रनिग स्टाफ ने की भूख हड़ताल

आल इंडिया लोको रनिग स्टाफ एसोसिएशन फिरोजपुर मंडल की ओर से बुधवार को 17 सूत्रीय मांगों को लेकर 12 घंटे की भूख हड़ताल की गई

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 10:06 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 10:06 PM (IST)
आल इंडिया लोको रनिग स्टाफ ने की भूख हड़ताल
आल इंडिया लोको रनिग स्टाफ ने की भूख हड़ताल

संवाद सहयोगी, फिरोजपुर : आल इंडिया लोको रनिग स्टाफ एसोसिएशन फिरोजपुर मंडल की ओर से बुधवार को 17 सूत्रीय मांगों को लेकर 12 घंटे की भूख हड़ताल की गई, जिसमें 150 के करीब सदस्यों ने हिस्सा लिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि रेलों का निजीकरण बंद किया जाए, पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए, एएलपी की तरफ से असंवेधानिक गार्ड ड्यूटी के आदेश रद किए जाएं, बंद किए हुए रात्रि भत्ते हाल करें, सहायक लोको पायलट को भी रिस्क अलाउंस देना शुरू किया जाए, हाई पावर कमेटी की सिफारिश के अनुसार रिग स्टाफ की ड्यूटी के घंटे घटाकर आठ घंटे किए जाएं, रनिग रुम में सुधार किया जाए, कोविड-19 से होने वाली मृत्यु में 50 लाख रुपए मुआवजे का भुगतान किया जाए।

इस दौरान परमजीत सिंह, सोमनाथ भद्रा, शिव कुमार, राज्यपाल, विवेकानंद, राजेस मीना, मुकश कुमार, विजय सिंह मीना, जावेद हुसैन, अजीत, रतनेश तिवारी, संजय, अनुराग पांडे आदि ने कहा कि यदि मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह संघर्ष तेज करेंगे। इस मौके पर एनआरएमयू फिरोजपुर ब्रांच के सचिव जनक राज ने भी प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया।

कोरोना काल में सेवाएं देने वाले स्टाफ ने किया प्रदर्शन संवाद सूत्र, जलालाबाद (फाजिल्का) : कोरोना काल के मुश्किल समय में संक्रमित लोगों की जान बचाने वाले स्टाफ को कोरोना की दूसरी लहर के खतरे के कम होने के चलते सेवाएं खत्म करने के आदेश सेहत विभाग द्वारा जारी किए गए हैं, जिस पर पैरा मेडिकल यूनियन बीएफयूएचएस व सिविल अस्पताल जलालाबाद के स्टाफ ने अस्पताल में रोष प्रदर्शन किया व उनकी सेवाएं रेगुलर करने की मांग उठाई। विभाग द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार कहा गया है कि मेडिकल शिक्षा की बैठक में फैसला लिया गया है कि आउटसोर्सिंग के जरिए भतीं लोगों में से वीआरडीएल लैब में टेक्निकल पोस्ट पर कार्य करते कर्मचारियों को छोड़कर बाकी सभी कर्मचारियों को 30 सितंबर तक रिलीव किया जाए।

अस्पताल में मौजूद स्टाफ सदस्यों ने कहा कि कोरोना के मुश्किल समय में उन्होंने ड्यूटी को संभाला। इस दौरान वह अपने बच्चों व परिवार से दूर रही। इस दौरान काफी स्टाफ कोरोना संक्रमित भी हुआ, लेकिन सभी ने अपनी डयूटी को तनदेही के साथ निभाया। पहली लहर व दूसरी लहर के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब उन्हें कई कई घंटे डयूटी करनी पड़ी। लेकिन अब जब कोरोना की दूसरी लहर का कहर कम हो गया है, तो उन्हें रिलीव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार तो बेरोजगारों को रोजगार देने की बात कह रही है, लेकिन यहां जिन्हें रोजगार मिला हुआ है, उनसे रोजगार वापस लिया जा रहा है। उनकी सरकार से मांग की कि उनकी सेवाओं को जारी रखा जाए।

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