महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहीं एडवोकेट रितू पलटा

देश बेशक आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा हो और समाज में महिला को शक्ति का दर्जा दिया गया हो लेकिन आज भी भारतीय समाज में महिलाओं पर अत्याचार रुकने का नाम नही ले रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 10:17 AM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 10:17 AM (IST)
महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहीं एडवोकेट रितू पलटा
महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहीं एडवोकेट रितू पलटा

तरुण जैन, फिरोजपुर : देश बेशक आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा हो और समाज में महिला को शक्ति का दर्जा दिया गया हो लेकिन आज भी भारतीय समाज में महिलाओं पर अत्याचार रुकने का नाम नही ले रहे हैं। वहीं समाज में कुछ ऐसी भी महिलाएं हैं, ऐसे अत्याचार के खिलाफ लगातार आवाज उठा रही हैं। एडवोकेट रितू पलटा ने अब तक 1200 से ज्यादा महिलाओं को उनके अधिकार दिलवा चुकी हैं। रितू के इस कार्य में उसके पति सहित बच्चे भी पूरा सहयोग देते हैं, जिस वजह से उनको यूनिवर्स मदर्स का नाम मिला।

वन स्टॉप सखी सेंटर की कोआर्डिनेटर होने के साथ ही रितू पलटा सामाजिक कार्यकर्ता की पहचान बना चुकी हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बेशक 905 मामलों का वे निपटारा कर चुकी हैं लेकिन इससे हटकर भी वे महिलाओं को इंसाफ दिला चुकी हैं। अक्टूबर 2018 से अब तक उनके पास महिलाओं पर अत्याचार की 973 शिकायतें आई थी, जिसमें से 905 का आपसी कौंसलिग से निपटारा करवाने के अलावा 66 मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को शिक्षित करने पर भी उनका मुख्य फोक्स रहता है, क्योंकि समाज में जब महिला को सभी छोड़ जाते हैं तो शिक्षा ही उसका असली हथियार बनती है। हुनरमंद व शिक्षित महिलाओं को किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नही।

रितू ने कहा जब वकालत की तो शुरू से ही मन में महिलाओं को अधिकार दिलवाने की इच्छा थी और प्रैंक्टिस के दौरान भी पीड़ित महिलाओं को इंसाफ दिलवाने के लिए दिन-रात जुटी रही, जब से उसने सखी वन स्टॉप सेंटर ज्वाइन किया तब से उसे सरकारी प्लेटफार्म मिल गया। उन्होंने कहा कि आज भी महिलाओं पर घरेलू हिसा व छेड़छाड़ की वारदातें होती है। सहेली की बेटी के साथ ही एक कंपनी में सहयोगी ने मोबाइल पर गलत मैसेज भेजे, जब उसकी सहेली ने यह बात उससे सांझी की तो उसने अपनी सहेली की बेटी को इंसाफ दिलवाने की ठानी ताकि वह व्यक्ति अन्य महिलाओं को अपनी घिनौनी हरकतों का शिकार न बना सके। एडवोकेट रितू पलटा बताती है कि वह अपनी बेटी दीक्षा को भी भविष्य में सामाजिक बुराइयों से लड़ने की हर वक्त प्रेरणा देती है। उसके बच्चे उसे यूनिवर्स मां कहकर पुकारते हैं। मुश्किलों का डटकर मुकाबला करें महिलाएं

रितू पलटा ने कहा कि नारी को अपने अधिकारों के लिए घबराने की बजाय मुश्किलों का डटकर मुकाबला करना चाहिए। नारी ही समाज को सही दिशा दे सकती है, जिस समाज में नारी का सम्मान होता है, वही समाज ही तरक्की के मार्ग पर अग्रसर होता है।

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