फिरोजपुर में बिना डाक्टर चल रहे 50 फीसद वेटरनरी अस्पताल

जिले में बने वेटरनरी अस्पतालों में वेटरनरी डाक्टर न होने के कारण पशु पालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार की ओर से करोड़ों रुपये खर्च कर जिले में 57 वेटरनरी अस्पताल व 40 पशु डिस्पेंसरियां बनाई गई हैं। लेकिन अस्पतालों में डाक्टरों की कमी से पशुओं का इलाज नहीं हो रहा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 10:38 AM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 10:38 AM (IST)
फिरोजपुर में बिना डाक्टर चल रहे 50 फीसद वेटरनरी अस्पताल
फिरोजपुर में बिना डाक्टर चल रहे 50 फीसद वेटरनरी अस्पताल

अशोक शर्मा, फिरोजपुर : जिले में बने वेटरनरी अस्पतालों में वेटरनरी डाक्टर न होने के कारण पशु पालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार की ओर से करोड़ों रुपये खर्च कर जिले में 57 वेटरनरी अस्पताल व 40 पशु डिस्पेंसरियां बनाई गई हैं। लेकिन अस्पतालों में डाक्टरों की कमी से पशुओं का इलाज नहीं हो रहा।

फिरोजपुर जिले के वेटरनरी डिप्टी डायरेक्टर डा. कृष्ण कुमार ने बताया कि जिले में 57 वेटरनरी अस्पताल हैं और 24 डाक्टर हैं। इसके अलावा जिले में 40 डिस्पेंसरियां है, जिनमें 20 वेटरनरी इंस्पेक्टर हैं। जिले में एक ही पालिक्लीनिक शहर में है जो बहुत दूर है और लोगों की पहुंच से बाहर है। ऐसे जिले में दर्जा चार की 100 पोस्टें है, जिनमें सिर्फ 4 कर्मचारी हैं और 96 पोस्ट खाली है।

किसान जसवीर सिंह, पशु डेयरी का काम करने वाले दर्शन सिंह जनेर, अमरीक सिंह मंसूर देवा, लखविदर सिंह खलचियां आदि ने बताया कि हर साल उनके पशु बीमार होने पर इलाज न मिलने से मर रहे हैं, क्योंकि सरकार ने जो अस्पताल व डिस्पेंसरी खोली है, वह स्टाफ न होने कारण बंद पड़ी है। उन्होंने बताया कि गट्टी हजारा सिंह जोकि हुसैनीवाला बार्डर के साथ है, यहां डिस्पेंसरी तो है परंतु डाक्टर नहीं है। इसके साथ ही 20 गांव लगते है। ऐसे ही तूत, बांगर, शकूर, जीवा भेटिया ममदोट, शहजादी, सुर सिंह वाला, मंसूर देवा, महियां वाला, सोहनगढ़ के साथ जिले में बहुत से गांवों में इलाज के अभाव से हजारों की संख्या में पशु हैं जिनकी देखभाल राम भरोसे है। उन्होंने कहा सरकार को चाहिए कि अगर अस्पताल या डिस्पेंसरी खोलनी है तो स्टाफ व दवाईयां का भी प्रबंध करे, जिससे लोगों को परेशानी का सामना ना करना पड़े। सरकार को कई बार दी जानकारी, नहीं हुआ समाधान : डा. कृष्ण कुमार

वेटरनरी डिप्टी डायरेक्टर डा. कृष्ण कुमार ने बताया कि सरकार को कई बार जानकारी दे चुके हैं, लेकिन वेटरनरी डाक्टरों की कमी को पूरा नहीं किया जा रहा।

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