सरहदी सरकारी स्कूल काकड़ में प्राइवेट स्कूल के 10 बच्चे दाखिल

पंजाब सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों को समय के साथ चलाने के लिए कई सुधार किए जा रहे है जिस कारण सरहदी स्कूल काकड़ ने नए सेशन में 25.65 प्रतिशत विद्यार्थियों का अधिक दाखिला किया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 10:25 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 10:25 PM (IST)
सरहदी सरकारी स्कूल काकड़ में प्राइवेट स्कूल के 10 बच्चे दाखिल
सरहदी सरकारी स्कूल काकड़ में प्राइवेट स्कूल के 10 बच्चे दाखिल

संवाद सहयोगी, फिरोजपुर : पंजाब सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों को समय के साथ चलाने के लिए कई सुधार किए जा रहे है, जिस कारण सरहदी स्कूल काकड़ ने नए सेशन में 25.65 प्रतिशत विद्यार्थियों का अधिक दाखिला किया है। सरकारी स्कूलों में चलाई जा रही दाखिला मुहिम तहत इस स्कूल में प्राइवेट स्कूल के 10 से अधिक बच्चों ने दाखिला लिया है।

इस उपलब्धि के लिए जिला शिक्षा अधिकारी राजीव छाबड़ा और उप जिला शिक्षा अफसर सुखविदर सिंह ने स्कूल स्टाफ को बधाई देते हुए बताया कि सरकारी प्राइमरी स्कूल काकड़ ने सेशन 2019-20 दौरान भी 25 प्रतिशत स्कूल दाखिलों में विस्तार किया है। स्कूल अध्यापक अमन कुमार और लवली कांडा की निरंतर मेहनत के चलते स्कूल का जहां रूप बदल रहा है, वहीं माता-पिता भी उत्साह के साथ बच्चों को स्कूल में दाखिल करवा रहे है। इस दौरान सीएचटी बलराज कुमार व बीएमटी गुरमेज सिंह और हरबिदर सिंह ने कहा कि सरकारी स्कूलों की तरफ से शुरू की गई दाखिला मुहिम को काफी सफलता मिल रही है और प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला लेना शिक्षा विभाग के लिए गर्व की बात है। इस दौरान ब्लाक शिक्षा अफसर इंदरजीत सिंह और उप ब्लाक शिक्षा अफसर जसविदर सिंह ने बताया कि दाखिला मुहिम को लेकर ब्लाक के समूह अध्यापक कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

कौटिल्य स्कूल में मातृ दिवस को समर्पित करवाई प्रतियोगिताएं संवाद सूत्र, फाजिल्का : अबोहर रोड पर स्थित कौटिल्य इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल की ओर से मंगलवार को कोविड-19 की हिदायतों का पालन करते हुए मातृ दिवस मनाया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने कार्ड मेकिग, पेटिग, कविताओं व गीतों के जरिए अपनी मां के प्रति विचार प्रस्तुत किए।

इस मौके प्रिसिपल कविता सपड़ा ने कहा कि मां का त्याग, बलिदान, ममत्व एवं समर्पण अपनी संतान के लिए इतना विराट है कि पूरी जिदगी भी समर्पित कर दी जाए तो मां के ऋण को नहीं उतारा जा सकता। संतान के लालन-पालन के लिए हर दुख का सामना बिना किसी शिकायत के करने वाली मां के साथ बिताये दिन सभी के मन में आजीवन सुखद व मधुर स्मृति के रूप में सुरक्षित रहते हैं। सपड़ा ने कहा कि हर एक के जीवन में मां एक अनमोल इंसान के रूप में होती है जिसके बारे में शब्दों से बयां नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया का कोई भी व्यक्ति मां के ऋण से कभी भी मुक्त नहीं हो सकता। हमें अपने माता पिता का हमेशा सम्मान करना चाहिए।

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