परीक्षाएं ना होने पर भी फाजिल्का में दो फीसद कम रहा परिणाम

सीबीएसई के बाद अब पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने भी 12वीं का नतीजा घोषित कर दिया है। भले ही कोरोना महामारी के चलते इस साल पेपर नहीं हुए। लेकिन 12वीं का नतीजा विद्यार्थियों की दसवीं 11वीं व 12वीं कक्षा के सभी साल की परीक्षाओं को आधार बनाकर सेंटर बोर्ड आफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएससी) के पैटर्न अनुसार घोषित किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 10:35 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 10:35 PM (IST)
परीक्षाएं ना होने पर भी फाजिल्का में दो फीसद कम रहा परिणाम
परीक्षाएं ना होने पर भी फाजिल्का में दो फीसद कम रहा परिणाम

संवाद सूत्र, फाजिल्का : सीबीएसई के बाद अब पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने भी 12वीं का नतीजा घोषित कर दिया है। भले ही कोरोना महामारी के चलते इस साल पेपर नहीं हुए। लेकिन 12वीं का नतीजा विद्यार्थियों की दसवीं, 11वीं व 12वीं कक्षा के सभी साल की परीक्षाओं को आधार बनाकर सेंटर बोर्ड आफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएससी) के पैटर्न अनुसार घोषित किया गया है। बात अगर इस साल के परीक्षा प्रतिशत की करें तो इस साल 91.06 प्रतिशत बच्चे पास हुए हैं, जबकि पिछले साल इससे ज्यादा यानि दो प्रतिशत अधिक बच्चे पास हुए थे।

कोरोना महामारी के कारण इस साल 12वीं की कक्षाएं कुछेक दिन ही लग पाई, जबकि पूरा साल बच्चों ने आनलाइन पढ़ाई की। लेकिन जब परीक्षा का समय निकट आया तो कोरोना के एक दम बड़े केसों के चलते आफलाइन परीक्षाएं रद्द कर दी गई, लेकिन बच्चों का वर्ष खराब ना हो इसके लिए परिणाम घोषित किया गया। इस साल जिला फाजिल्का के सरकारी स्कूलों के 11762 विद्यार्थियों ने वार्षिक परीक्षा दी और 10711 परीक्षार्थी सफल हुए। इस तरह जिले की पास प्रतिशतता 91.06 रही, जबकि साल 2019 में जहां 10361 बच्चों ने परीक्षा दी और उनमें से 8856 बच्चे पास हुए, जबकि पास प्रतिशत 85.47 रहा। वहीं इस साल 2020 में 10614 विद्यार्थियों ने बारहवीं की परीक्षा दी, जिसमें से 9882 बच्चे पास हुए हैं। वहीं जिले का प्रतिशत 93.10 प्रतिशत रहा है।

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डीईओ ने रिटायरमेंट से पहले सभी को दी बधाई

उधर जिला शिक्षा अधिकारी सेकेंडरी डा. त्रिलोचन सिंह सिद्धू ने शनिवार को रिटायर्ड से पहले 12वीं के आए नतीजे पर सभी अध्यापकों व छात्रों के अभिभावकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल अध्यापकों ने विभाग द्वारा तैयार की डिजिटल शैक्षिणक सामग्री को विद्यार्थियों तक पहुंचाने के लिए अलग-अलग एपस का प्रयोग किया। इसके अलावा विभाग की एजुकेयर एप के द्वारा विभाग के विशेषज्ञों ने क्वालिटी शैक्षिणक सामग्री एक बस्ते के रूप में विद्यार्थियों तक पहुंचाई। जिसका लाभ निजी स्कूलों के विद्यार्थियों ने भी उठाया।

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