बढ़ रहा मरीजों का ग्राफ, समय पर जांच ही टीबी का इलाज
जिले में जागरूकता की कमी के चलते लगातार टीबी मरीजों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है।
मोहित गिल्होत्रा, फाजिल्का : जिले में जागरूकता की कमी के चलते लगातार टीबी मरीजों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। लोग समय पर जांच नहीं करवाते, जिस कारण बाद में यह बीमारी खतरनाक रूप धारण कर लेती है। हालांकि सेहत विभाग लगातार लोगों को टीबी को लेकर जागरूक कर रहा है और घर-घर जाकर संदिग्धों के सैंपल भी लिए जा रहे हैं। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका समय पर ईलाज ना होने के चलते यह काफी खतरनाक साबित हो सकती है। क्योंकि यह शरीर के जिस हिस्से में होती है, सही इलाज न होने पर उसे बेकार कर देती है। जिले में पिछले साल 2020 में लगभग 1297 मरीज सामने आए, जबकि इस साल नौ महीने में ही 890 मरीज सामने आ चुके हैं। एक अनुमान के अनुसार जनवरी 2020 से अब तक जिले में 2150 मरीज मिल चुके हैं, जिनमें से लगभग 1800 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 110 लोगों की टीबी के चलते मौत भी हुई है।
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टीबी के लक्ष्ण
-खांसी में खून आना
-सीने में दर्द या सांस लेने और खांसने में दर्द होना
-लगातार वजन कम होना
-चक्कर आना
-रात में पसीना
--ठंड लगना
-भूख न लगना
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ऐसे करें बचाव
--बच्चों को बीसीजी का टीका लगवाएं। इसके लिए अपने नजदीकी डाक्टर से संपर्क करें।
-टीबी के मरीज के संपर्क में आने से बचें। उनका बेड, तौलिया आदि शेयर न करें और एक ही कमरे में न सोएं।
-मास्क का इस्तेमाल करें।
--टीबी डायग्नॉज वाले सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचें। ---
मरीज को दवा के साथ मिलती है 500 रुपये आर्थिक सहायता
अगर किसी भी व्यक्ति को दो सप्ताह तक लगातार खांसी आ रही है, मुंह में खून आना, रात को पसीना आना, भूख न लगना, वजन कम होना जैसे लक्षण हो तो जांच करवाकर इलाज शुरू कर लेना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस बीमारी की दवाई बिल्कुल नि:शुल्क उप स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा उपलब्ध करवाई जाती है। इसके साथ ही मरीज को खुराक के लिए इलाज के दौरान 500 रुपये प्रति माह वित्तीय सहायता दी जाती है। जिले में नौ केंद्रों पर किया जा रहा मरीजों का इलाज
फाजिल्का जिले में जिला अस्पताल फाजिल्का, सब डिविजनल अस्पताल अबोहर, पीएचसी जंडवाला, डबवाला कलां, खुईखेड़ा और सीतोगुणो व सीएचसी रामसरां, जलालाबाद व बहाववाला शामिल में टीबी का इलाज किया जा रही है किया जा रहा है। बात अगर जांच की करें तो बलगम की जांच तो सभी सेंटरों पर हो जाती है। लेकिन अन्य जांच के लिए फाजिल्का के सरकारी अस्पताल में सीबी मेट मशीन और अबोहर व जलालाबाद ट्रूनेट मशीन लगाई गई है।
घर-घर जाकर लिए जा रहे सैंपल
सिविल सर्जन डा. ढांडा के मुताबिक आशा वर्करों की ओर से 29 सितंबर से एक नवंबर तक घर-घर जाकर टीबी के संदिग्ध मरीजों का सैंपल लिए जा रहे हैं। यदि कोई मरीज टीबी से पीड़ित पाया गया तो उसका सारा इलाज बिल्कुल मुफ्त किया जाएगा।
कोट्स
टीबी के प्रति जागरूकता आवश्यक है। कई बार हम लक्ष्णों को ना पहचानकर घर पर ही दवा ले लेते हैं, जिससे यह बीमारी बाहरी रूप से तो ठीक लगती है, लेकिन अंदर से यह शरीर के उस हिस्से को नष्ट करती रहती है, जहां से पहुंच चुकी होगी। समय पर जांच ही टीबी की बीमारी का ईलाज है।
--डा. नीलू चुघ, जिला टीबी अफसर, फाजिल्का
साल 2020 में मिले टीबी के मामले
जनवरी : 120
फरवरी : 160
मार्च: : 100
अप्रैल : 106
मई : 126
जून : 154
जुलाई : 149
अगस्त : 91
सितंबर : 50
अक्टूबर : 65
नवंबर : 76
दिसंबर : 100
कुल: 1297 इस साल मिले मामले
जनवरी: 98 मरीज
फरवरी : 130 मरीज
मार्च: 112 मरीज
अब तक नौ माह में 890 मामले सामने आ चुके हैं।