नगर कौंसिल चुनाव: इस बार तिकोना नहीं, चार पार्टियों में होगा मुकाबला

भले ही पिछले कुछ समय से मौसम सर्दी का है लेकिन नगर कौंसिल के चुनावों की तारीख घोषित होने से राजनीतिक माहौल को पूरी तरह से गर्मा दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 10:36 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 10:36 PM (IST)
नगर कौंसिल चुनाव: इस बार तिकोना नहीं, चार पार्टियों में होगा मुकाबला
नगर कौंसिल चुनाव: इस बार तिकोना नहीं, चार पार्टियों में होगा मुकाबला

संवाद सहयोगी, फाजिल्का : भले ही पिछले कुछ समय से मौसम सर्दी का है, लेकिन नगर कौंसिल के चुनावों की तारीख घोषित होने से राजनीतिक माहौल को पूरी तरह से गर्मा दिया है। इस बार का चुनाव कांटे की टक्कर का होने वाला है। क्योंकि इस बार तीन प्रमुख पार्टियां नहीं, बल्कि चार पार्टियां अपने अपने उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारेंगी। फाजिल्का में कुल 25 वार्ड हैं, यानि चार पार्टियों के 25 उम्मीदवार यानि कुल 100 उम्मीदवार तो चार प्रमुख पार्टियों के होंगे. जबकि कई आजाद के रूप में भी खड़े होंगे।

कौंसिल चुनाव को लेकर चारों प्रमुख पार्टियों आने वाले तीन चार दिनों में अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती हैं। सभी पार्टियां 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर इन चुनावों को सेमीफाइनल के रूप में देख रही हैं। पार्टी की गतिविधियों की बात करें तो जहां बीते दिनी कांग्रेस की ओर से फाजिल्का में लगाए गए आब्जर्वर अवतार हैनरी और अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने यहां आकर वर्करों में जोश भरा। वहीं भाजपा के नेता व कार्यकर्ता और आप पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भी लगातार वार्डों में जाकर लोगों से संपर्क बढ़ा रहे हैं। कांग्रेस के आब्जर्वर अवतार हैनरी ने बीते दिनी फाजिल्का आगमन पर कहा था कि उनके पास आवेदन आ चुके हैं, जिसमें से चुने गए उम्मीदवारों के नाम जल्द ही घोषित कर दिए जाएंगे। वहीं अकाली दल की कौर कमेटी के सदस्य सतिद्र जीत सिंह मंटा ने कहा कि चुनाव को लेकर पैनल बनाकर चुनाव प्रभारी सतिद्रजीत सिंह मंटा को नाम सौंप दिए गए हैं। आने वाले तीन चार दिनों में उम्मीदवारों की घोषणा कर दी जाएगी। वहीं भाजपा के अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी ने कहा कि 15 जनवरी को उम्मीदवारों के नाम भेज दिए गए हैं, जिनकी घोषणा जल्द होगी। वहीं आप के जिलाध्यक्ष वरिद्र सिंह खालसा ने कहा कि चुनाव को लेकर पार्टी पूरी तरह से तैयार है और तीन दिन तक उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए जाएंगे।

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चुनाव जीतने की राह नहीं होगी आसान

साल 2015 में भाजपा व अकाली दल के गठबंधन के चलते यहां बोर्ड भाजपा का बना था। लेकिन अब भाजपा और अकाली दल के बीच का गठबंधन टूट गया है, जिस कारण इसका असर अन्य पार्टियों पर भी पड़ेगा। इस बार दोनों पार्टियों के उम्मीदवार एक दूसरे के साथ नहीं, बल्कि एक दूसरे के सामने लडेंगे। सत्ता में कांग्रेस पार्टी के होने के चलते कांग्रेस उम्मीदवार यही कोशिश करेंगे वह ज्यादा से ज्यादा सीट हासिल करे, ताकि बोर्ड कांग्रेस का बन सके। जबकि भाजपा, अकाली दल व आप पार्टी भी जीत का दावा कर रही है, जिससे चुनाव को जीतने की राह आसान नहीं होने वाली।

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