कांग्रेस विधायकों तक सिमटी घर-घर नौकरी की स्कीम : नारंग

भाजपा विधायक अरुण नारंग का कहना है घर घर रोजगार देने का दावा करने वाली राज्य की सरकार जरूरतमंद युवाओं को नौकरी देने के बयाय कांग्रेसी विधायकों के बच्चों को नौकरियां बांटी जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 10:03 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 10:03 PM (IST)
कांग्रेस विधायकों तक सिमटी घर-घर नौकरी की स्कीम : नारंग
कांग्रेस विधायकों तक सिमटी घर-घर नौकरी की स्कीम : नारंग

संस, अबोहर : भाजपा विधायक अरुण नारंग का कहना है घर घर रोजगार देने का दावा करने वाली राज्य की सरकार जरूरतमंद युवाओं को नौकरी देने के बयाय कांग्रेसी विधायकों के बच्चों को नौकरियां बांटी जा रही है। विधायक नारंग ने कहा कि आंतकवाद से ग्रस्ति हजारों परिवारों का हक छीनकर विधायकों के बेटों को दिया जा रहा है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने चुनावों वादों में राज्य के सभी बेरोजगारों को नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन साढे चार वर्ष बीत जाने पर भी राज्य के युवा भी बेरोजगार हैं। उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की घोषणा की है, वो केवल वोटें बटोरने का जरिया है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों को ई बैलेंस आगामी साढे चार वर्ष में देने की बात कही गई है जबकि सरकार की जनविरोधी नीतियों से कैप्टन सरकार अब कुछ ही दिनों की मेहमान है ऐसे में उनका यह वादा भी पूरा नहीं हो पाएगा। विधायक नारंग ने कहा कि कैप्टन सरकार का इससे बड़ा झूठ क्या होगा कि उन्होंनें दिव्यांग खिलाडियों को भी नौकरियां देने का वादा किया था लेकिन अंतर्राष्ट्रीय खेलों में भाग ले चुके दिव्यांग खिलाड़ी भी साढे चार वर्षो से नौकरी के लिए दर दर की ठोकरें खा रहे हैं।

छठे वेतन आयोग की सिफारिशों से कर्मचारी निराश: भठेजा संस, अबोहर : पंजाब सुबार्डिनेट सर्विसेज फेडरेशन के प्रांतीय नेता भगवंत भट्टेजा ने कहा कि वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू करते समय बड़ी चालाकी से सरकार ने 2011 में मुलाजिमों को मिले ग्रेड पे की बढोतरी को खत्म कर दिया है। इसके अलावा वेतन आयोग द्वारा मोबाइल भत्ते में 1.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी को यह कहते हुए लागू नहीं किया कि मोबाइल कंपनियों ने टैरिफ दरों में कटौती की है लेकिन अपने मंत्रियों और विधायकों को मोबाइल भत्ता 15 हजार देते समय शायद कैबिनिट को टैरिफ रेटों की जानकारी नहीं दी जाती।

इसके अलावा वेतन आयोग ने मेडीकल भत्ते को 500 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये करने की वेतन आयोग की सिफारिश को भी कैबिनेट ने लागू नहीं किया। ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को अब छह फीसद की जगह पांच फीसदी ग्रामीण भत्ता मिलेगा। प्रतिनियुक्ति भत्ता समाप्त करने के साथ ही यात्रा भत्ता 30 से घटाकर 24 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक जुलाई 2021 से वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की घोषणा की है और बकाया दो किश्तों में देने की बात कही गई है। सरकार की ओर से दोहरे मापदंड अपनाने से कर्मचारियों में रोष पाया जा रहा है।

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